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आक्सीजन के बाद अब बाजार में दिखाई देने लगी कोरेाना की दवाओं व उपकरणों की किल्लत

आक्सीजन के बाद अब बाजार में दिखाई देने लगी कोरेाना की दवाओं व उपकरणों की...

आक्सीजन के बाद अब बाजार में दिखाई देने लगी कोरेाना की दवाओं व उपकरणों की किल्लत
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फर नगरSat, 01 May 2021 07:10 PM
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लोगों पर कहर बनकर टूट रही कोरोना महामारी के दौर में लगातार सैंकडों कोरोना संक्रमित प्रतिदिन सामने आने और उनके कांटेक्ट में आए उनके परिजनों के भी कोरोना सक्रमित होने की आशंकाओं के चलते अब नगर में रिटेल के मेडिकल स्टोर पर कोरोना प्रोटोकाल की अधिकांश दवाईयां व उपकरणों की किल्लत दिखाई देने लगी है। इसके पीछे कुछ कारण तो थोक मेडिकल स्टोर स्वामियों द्वारा दवाओं को रोकना है तो एक कारण लोगों द्वारा भविष्य को लेकर अनिश्चितता के चलते आवश्यकता से अधिक दवा की खरीद करना भी है।

नगर के मेडिकल स्टोर्स पर पूरे अप्रैल माह में भीड़ ही उमड़ी रही। सभी को कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने वाली आइवरमैक्टिन, एजिथ्रोमाइसिन, डॉक्सी, पेरासिटामोल के अलावा विटामिन सी, जिंक की गोलियां चाहिए। जिन लोगों का पांच दिन में बुखार नही उतर रहा उनके लिए फैबीफ्लू की आवश्यकता है। फैबीफ्लू तो रेमडीसिविर इजैक्शन की तरह से पहले से ही बाजार से गायब है। लोग इसकी खोज में मेडिकल स्टोर से दूसरे मेडिकल स्टोर पर चक्कर लगाते हुए घूमते हैं। फैबीफ्लू दवा जबर्दस्त ब्लैक में मिल रही है। वही कोरोना प्रोटोकॉल में काम आने वाली विटामिन सी, मल्टी विटामिन, जिंक आदि की दवाओं पर किल्लत का साया है। इसके अलावा खांसी और बुखार की दवा के साथ ही शुगर की दवाओं की किल्लत भी दिखाई दे रही है। आक्सीमीटर, नेमोलाइजर, स्टीम लेने वाले स्टीम उपकरण, थर्मामीटर के दाम भी एक महीने में दोगुने हो गए हैं।

कोर्टरोड पर जिला परिषद बाजार के सामने चेतन मेडिकल स्टोर के स्वामी प्रवीन जैन चीनू का कहना है कि इस समय लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। जिसे दस गोलियों की जरूरत है वह बीस से तीस तक गोलियां ले रहा है। जब ग्राहकों को समझाते हैं कि पूरा कोर्स दस गोलियों का है तो वह कहते हैं कि जितनी गोली मांगी जा रही है दे दो। लोगों के आवश्यकता से अधिक दवा खरीदने से भी दवाओं की किल्लत हो रही है। दूसरे पूरे देश में एक साथ इन दवाओं की मांग की निकल रही है। ऐसे में कंपनियों की आपूर्ति और स्टॉकिस्ट व थोक दवा विक्रेताओं के यहां मारामारी भी किल्लत का कारण बनी हुई है। उधर तीन दिन के साप्ताहिक लॉक डाउन में थोक दवा बाजार बंद किए जाने का असर भी दवाओ की आपूर्ति पर दिख रहा है।

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