महागौरी से की सौभाग्य और खुशहाली की कामना
शारदीय नवरात्र की सप्तमी को विधि विधान से आदिशक्ति के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना की गई। महागौरी की आराधना कर सौभाग्य, धन संपदा और परिवार की...

शारदीय नवरात्र की सप्तमी को विधि विधान से आदिशक्ति के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना की गई। महागौरी की आराधना कर सौभाग्य, धन संपदा और परिवार की खुशहाली की कामना की गई। कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया गया।
शारदीय नवरात्र की अष्टमी को आदिशक्ति के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा अर्चना की गई। पुराणों के अनुसार मां का यह स्वरूप धन धान्य, गृहस्थी, सुख और शांति प्रदान करने वाला है। महागौरी इसी की प्रतीक हैं और सृष्टि का आधार हैं। महागौरी ही अक्षत सुहाग की प्रतीक देवी हैं। महाकाली मंदिर, संतोषी माता मंदिर के साथ ही अन्य मंदिरों में भी पूजा अर्चना करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा।
श्रृंगार सामग्री अर्पित की गई। घरों और मंदिरों में हवन किया गया। घरों में कन्याओं और लांगुर का पूजन कर भोजन कराया गया। अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार जिले के अधिकांश लोगों ने अष्टमी पर कन्याएं जिमाकर नवरात्र व्रतों का पारायण किया, वहीं जो लोग नवमी का पूजन करते हैं, वे सोमवार को कन्याओं का पूजन कर नवरात्र व्रत का समापन करेंगे।
