185 ग्राम पंचायतों में पहली बार होगी महिलाओं की सरकार
जिले की 185 ग्राम पंचायतों में पहली बार महिलाओं की सरकार होगी। इन ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान बनेगी और ग्राम पंचायत में विकास को पंख...
जिले की 185 ग्राम पंचायतों में पहली बार महिलाओं की सरकार होगी। इन ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान बनेगी और ग्राम पंचायत में विकास को पंख देगी। 1995 से अब तक यह ग्राम पंचायत महिला सामान्य के लिए रिजर्व नहीं हुई थी। इस बार इन ग्राम पंचायतों को महिला सामान्य के लिए आरक्षित किया गया है।
जिले में प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सदस्य के लिए आरक्षण जारी हो गया है। जिले में 355 ग्राम पंचायत ऐसी थी जो 1995 से लेकर अब तक एससी के लिए रिजर्व नहीं हुई थी। इस बार इन ग्राम पंचायतों में 250 ग्राम पंचायत एससी आरक्षित हुई है। 105 ग्राम पंचायत अभी भी शेष बची हुई है।
वहीं जिले में 245 ग्राम पंचायत ऐसी थी जो अब तक पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं हुई थी। इनको शामिल करते हुए इस बार आरक्षण में 304 ग्राम पंचायतों को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। वहीं जिले में 223 ग्राम पंचायत ऐसी थी जो महिला सामान्य के लिए आरक्षित नहीं हुई थी। इनमें से 185 ग्राम पंचायत महिला के लिए आरक्षित हुई है। 38 ग्राम पंचायत अभी भी बची हुई है।
शुरुआत से लेकर अब तक चला आ रहा था पुरुषों का राज
शुरुआत से लेकर अब तक 185 ग्राम पंचायतों में पुरुष राजनीति का ही वर्चस्व रहा। शासन के दिशा निर्देश के बाद ही इन ग्राम पंचायतों से पुरुष राजनीति का वर्चस्व खत्म होगा। इन गांवों में पहली बार महिलाएं गांव के विकास में भागेदारी करेगी। कारण जनपद में 233 ऐसेी ग्राम पंचायतें ऐसी थीं जो अब तक आरक्षण से बची रही, लेकिन इस बार इनमें से 185 में राजनीति की बागडौर महिलाओं के हाथ होगी।
250 ग्राम पंचायतों में पहली बार होगा एससी वर्ग से प्रधान
जनपद में 1123 ग्राम पंचायतों में से 355 ग्राम पंचायतें ऐसी थी जो आज तक एससी आरक्षण से अछूती रहती आ रही थी, लेकिन नए नियमों के चलते इनमें से 250 ग्राम पंचायतें एससी वर्ग में आरक्षित रखी गई है। पहली बार इनमें एससी वर्ग का प्रधान चुना जायेगा।
1995 से अब तक 355 ग्राम पंचायत एससी के लिए रिजर्व नहीं हुई थी जिनमें से इस बार 250 ग्राम पंचायत एससी के लिए आरक्षित हुई है। ऐसे ही 304 ग्राम पंचायत ओबीसी के लिए तथा 185 ग्राम पंचायत महिला के लिए आरक्षित की गई है।
सतीश कुमार, डीपीआरओ, बिजनौर