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शक्ति मिशन: घर संभालने के साथ ही कृषि मशीनरी बैंक चला रहीं महिनाएं

परिवार से नहीं बल्कि खुद अपनी पहचान बनाने वाली गांव सराय आलम निवासी सुनीता ने गांव की दस महिलाओं जोड़ा और उन्हें दस-दस रुपये की अल्प बचत की शुरुआत...

शक्ति मिशन: घर संभालने के साथ ही कृषि मशीनरी बैंक चला रहीं महिनाएं
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरFri, 06 Nov 2020 10:07 PM
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सुनीता ने खुद बनायी अपनी पहचान

परिवार से नहीं बल्कि खुद अपनी पहचान बनाने वाली गांव सराय आलम निवासी सुनीता ने गांव की दस महिलाओं जोड़ा और उन्हें दस-दस रुपये की अल्प बचत की शुरुआत कराई। समूह की सभी सदस्यों के परिवार के पास थोड़ी-थोड़ी जमीन थी। इसलिए सरकार एवं बैंक के सहयोग से ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्र खरीदे। इन्हें किसानों को किराए पर दिया जाने लगे। इससे होने वाली आय सभी महिलाओं में बांट दी जाती है। 2017 बैंक का कर्ज भी चुकाया जा चुका है। दूसरे किराए की आमदनी से डेढ़ लाख रुपये की बचत भी कर ली गई है। इसे सभी सदस्यों में बांटा जाएगा। सुनीता का कहना है कि उसे गर्व ही पहले उसकी पहचान परिवार से होती थी, लेकिन आज उसकी खुद की पहचान है। आज सुनीता दूसरी महिलाओं को प्रेरित करने का काम कर रही है। करीब पंद्रह सौ महिलाओं को बचत करने और आजीविका से जोड़ चुकी हैं। सुनीता गांव गांव जाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में भी जागरुक करती हैं।

सुनीता

निवासी--गांव सराय आलम

पेशा-- मशिनरी बैंक संचालिका

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पूजा ने पति को भी खरीदवा दी ई रिक्शा

ग्रेजुएट होने के बाद भी पूजा ठाकुर को घर का कामकाज संभालना पड़ता था। पूजा के पति भी कोई स्थाई नौकरी नहीं बल्कि फैक्ट्री में मजदूरी कर लिए करते थे। साल 2015 में पूजा ने घर का खर्च चलाने के लिए कामकाज करने की ठानी। पांच सालों में पूजा ने खुद सक्षम होने के साथ ही पति को भी राह दिखाई। नजीबाबाद के पास का ही गांव है जालबपुर गुदड़। यहां की निवासी पूजा ठाकुर ने अपने आस पास की 12 महिलाओं को साथ लिया और समूह बना डाला। सभी महिलाएं बचत करने लगी। समय बीतने के साथ ही बचत बढ़ती चली गई। ग्रुप में पूजा ठाकुर कोषाध्यक्ष बनी। बैंक में खाता खुलवाया। खाते में बचत जमा की जाने लगी। बाद में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से पूजा के गु्रप को कर्ज पर एक ट्रैक्टर और उससे जुड़ी मशीनरी मिल गई। इस ट्रैक्टर को किराए पर चलाकर आमादनी की जा रही है। अब पूजा ने अपने पति से मजदूरी छुड़वा दी है और इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा खरीदवा दी। अब पूजा दूसरी गरीब महिलाओं को भी जागरूक करने का काम कर रही है।

पूजा ठाकुर

निवासी ---गांव जालबपुर गुदड़

पेशा-मशिनरी बैंक संचालिका

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मुफलिसी की बेड़ियां तोड़ बबली ने परिवार को उबारा

सिकंदरपुर बसी गांव की रहने वाली बबली के पति मजदूरी कर लेते थे। घर के खर्च में भी दिक्कतें आती थी। साल 2016 में बबली ने दस और महिलाओं को जोड़कर एक समूह बनाया और गांव में ही डिटजरजेंट पाउवडर बनाने का काम शुरू किया। इस प्रकार एक दूसरे के परस्पर सहयोग एवं सरकार एवं बैंक की मदद से कृषि मशीनरी बैंक बनाया। इसमें ट्रैक्टर से लेकर कृषि जोत एवं जमीन समतलीकरण आदि के उपकरण है। काम ठीकठाक चला आय बढ़ी तो पति भी मजदूरी छोड़ दुकान करने लगे। बबबी अन्य महिलाओं के साथ मास्क बनाने व सिलाई केंद्र भी चला रही है। बबली की काम के प्रति लग्न एवं मेहनत को देखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने बतौर ट्रेनर महिलाओं को जागरुक करने के लिए अपने साथ लिया है।

बबली

निवासी --सिकंदरपुर बसी गांव

पेशा- मशिनरी बैंक संचालिका

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