आम दिनों के मुकाबले भी सैम्पलिंग घट गई
कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनजर शासन से सैम्पलिंग बढ़ाने और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में फोकस सैम्पलिंग के आए आदेश पहले ही दिन धराशाई हो गए।...
कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनजर शासन से सैम्पलिंग बढ़ाने और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में फोकस सैम्पलिंग के आए आदेश पहले ही दिन धराशाई हो गए। लक्ष्य पूरा करना तो दूर उल्टे आम दिनों के मुकाबले भी सैम्पलिंग घट गई। अफसरों ने इसके पीछे मुख्य वजह संविदा लैब टैक्नीशियन व डेटा ऑपरेटरों के हड़ताल पर रहने को बताया।
शासन ने कोविड-19 महामारी के चलते आरटीपीसीआर विधि से जांच व एंटीजन टेस्ट बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा मंगलवार 30 नवंबर से फोकस सैम्पलिंग शुरू करने के निर्देश दिए थे। पहले चरण में तीन दिन उच्च शैक्षणिक संस्थानों के स्टाफ व विद्यार्थियों की फोकस सैम्पलिंग होनी थी। विभागीय जानकारी के मुताबिक मंगलवार के बजाय बुधवार को शुरू हुई फोकस सैम्पलिंग के नाम पर भी खानापूरी ही हो सकी। इसके अलावा रूटीन के तौर पर हो रही सैम्पलिंग भी घट गयी। बुधवार की शाम 5 बजे तक की अधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार मात्र 234 ही सैम्पल जांच को लिए जा सके थे, जबकि एक दिन में जिले में 2200 आरटीपीसीआर व 1000 एंटीजन को मिलाकर 3200 सैम्पल का लक्ष्य है। गुरुवार की शाम तक भी करीब 200 ही सैम्पल लिए जा सके और कोविड जांच का कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ। इसके पीछे संविदा एलटी व डेटा ऑपरेटर आदि के हड़ताल पर रहने को वजह बताया जा रहा है।
कोट::
यह सही है, कि सैम्पलिंग कार्य प्रभावित हुआ है। इसका कारण पीएचसी-सीएचसी पर तैनात एलटी व डेटा ऑपरेटरों की हड़ताल है। फील्ड एक्टिविटी के लिए वाहन न मिलने का भी प्रभाव पड़ा।
डा. बीएस रावत
डीटीओ/नोडल अफसर सैम्पल
बिजनौर