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बोले बिजनौर : आवास विकास कॉलोनी में विकास को तरस रहे लोग

Bijnor News - आवास विकास कॉलोनी की 6000 की आबादी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रही है। जल निकासी की समस्या के कारण हल्की बारिश में भी जलभराव होता है। प्रशासनिक लापरवाही और सफाई की कमी से लोग परेशान हैं। कॉलोनी में...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरTue, 29 July 2025 01:07 AM
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बोले बिजनौर : आवास विकास कॉलोनी में विकास को तरस रहे लोग

शहर की सबसे पुरानी और पॉश कही जाने वाली आवास विकास कॉलोनी में छह हजार की आबादी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही है। वर्ष 1984 में मेरठ-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग 110 पर बनी यह कॉलोनी 40 साल बाद भी जल निकासी का स्थायी समाधान न होने से परेशान है। हल्की सी बारिश में भी कॉलोनी में जलभराव की समस्या हो जाती है। घरों में पानी भरने से लोगों का काफी नुकसान होता है। कॉलोनीवासियों ने कई बार जलभराव होने पर पंपिंग सेट का सहारा लेकर पानी निकलवाया था। बिजनौर शहर की सबसे प्रमुख और व्यवस्थित मानी जाने वाली आवास विकास कॉलोनी आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है।

लगभग चार दशक गुजर जाने के बावजूद कॉलोनी जलभराव, गंदगी, अव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही से जूझ रही है। कॉलोनी के निवासी न केवल मानसून के दौरान बल्कि हल्की बारिश में भी घरों में पानी घुसने की त्रासदी झेलते हैं। कॉलोनी की हालत इतनी दयनीय है कि कुछ मिनट की बारिश होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है। जल निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। नालों की समय पर सफाई नहीं होती जिससे पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों से होते हुए घरों में घुस जाता है। कॉलोनी की गलियां नीची होने के कारण पानी नहीं निकल पाता है। प्रमुख कॉलोनी होने के बाद भी स्ट्रीट लाइटों की कमी है। मुख्य बाजार चौराहे पर भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई गई है। नियमित सफाई कर्मचारी कॉलोनी में नहीं आते है। जो कूड़ा का ढेर लग जाता है। उसे उठने में भी कई दिन लग जाते है। वाहनों की तेज रफ्तारी भी महिला व बुर्जुगों के लिए खतरा बनी हुई है। जिसका इतना डर है कि शाम में बुर्जग व महिलाएं सड़क पर टहलने नहीं निकल पाते है। कालोनीवासियों का कहना है कि कालोनी में चौकी जरूर है, लेकिन वह कभी कालोनी में गश्त नहीं करते है। जिसके चलते असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद है। जो अक्सर शाम में दिखाई देते है। हल्की बारिश में भी तालाब बन जाती हैं सड़कें कॉलोनीवासी बिशम्बर सिंह प्रधान, प्रदीप अग्रवाल, राकेश शर्मा व अमित कुमार ने बताया कि हल्की बारिश होते ही सड़कें दरिया बन जाती हैं। पानी पानी घरों में घुस जाता है और सामान खराब हो जाता है। नालों की सफाई नहीं होने से दुर्गंध और बीमारियों का खतरा बना रहता है। हर बरसात में यही हाल होता है। बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता। रात में गश्त न सुरक्षा पूनम चौधरी, रीता शर्मा व उमा शर्मा का आरोप है कि रात के समय पुलिस गश्त नहीं करती जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं। रात में बुर्जुग सड़क पर नहीं टहल सकते है। आए दिन शरारती तत्व हुड़दंग करते है। बुजुर्गों और महिलाओं के लिए रात में बाहर निकलना मुश्किल होता जा रहा है। तेज रफ्तार वाहनों से दुर्घटना का खतरा कॉलोनी निवासी रीना, काजल, सुधा व शिप्रा ने कहना है कि तेज रफ्तार बाइक और कार चलाना आम हो गया है। संकरी गलियों में भी युवा रफ्तार दिखाने से नहीं चूकते जिससे दुर्घटनाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। ात में कुछ युवक इतनी देर वाहन लेकर जाते है। कई बार बच्चों और बुजुर्गों की जान पर बन आती है। पुलिस को जानकारी देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। पार्कों का हो रहा दुरुपयोग जन कल्याण समिति के अध्यक्ष डा. संजय त्यागी ने बताया कि कालोनी में 13 पार्क है। सबकी हालत बदहाल है। पार्कों में लाइट की व्यवस्था नहीं है। पार्कों का दुरूपयोग किया जा रहा है। शाम के समय पार्कों में शरारती व नशेडी आ जाते है। जिससे वहां महिलाएं व बच्चे जाने से कतराते है। कई पार्क सफाई न होने के चलते कूड़ादान में तब्दील हो गए है। सड़कों का निर्माण भी बीच में छोड़कर किया जाता है। पूरी कालोनी में नहीं है स्ट्रीट लाइट कालोनीवासी विद्यावति, चेतना भटनागर, गीतेश्वरी का कहना है कि पूरी कालोनी में स्ट्रीट लाइट नहीं है। चुनिंदा जगहों पर स्ट्रीट लाइट लगी है। मुख्य चौराहे व पार्कों आदि में भी स्ट्रीट लाइन की व्यवस्था नहीं है। ---- हमारी सुनो बात जलभराव की बड़ी समस्या है। इस समस्या से निजात दिलाई जाए। हल्की बारिश होने पर भी जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है।- प्रदीप अग्रवाल बरसात का मौसम चल रहा है। बारिश से होने वाले जलभराव से आवास विकास कालोनी के लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।- राकेश कुमार अगर झमाझम बारिश हो जाए तो लोगों के घरों में पानी घुस जाता है। इस समस्या का निदान खोजा जाए। समस्या का निस्तारण बेहद जरूरी है।-अमित कुमार चौराहों पर स्ट्रीट लाइट नहीं है। चौराहों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।- रीना सफाई के लिए नियमित कर्मचारी नहीं आते हैं। साफ सफाई पर ध्यान दिया जाना चाहिए। नगर पालिका इस समस्या पर ध्यान दें।-काजल रोज के रोज कूड़ा नहीं उठाया जाता है। कूड़ा नियमित रूप से उठाया जाए। इससे कालोनी के लोगों को राहत मिलेगी।- सुधा कालोनी में युवा तेज रफ्तार से बाइक दौड़ाते हैं। इससे किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है। तेज रफ्तार बाइक चलाने वालों पर अंकुश लगाया जाए।- शिप्रा आवास विकास कालोनी के दोनों और गेट लगने चाहिए। जल्द ही गेट लगाने का काम शुरू हो। इससे कालोनी के लोगों को राहत मिलेगी।- चेतना भटनागर रात में पुलिस भी गश्त करें। काफी दुकानें भी है। पुलिस अगर गश्त करेंगी तो कालोनी के लोग खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे।- गीतेश्वरी नालियों की सफाई नहीं होती है। नालियों की सफाई होनी चाहिए। नालियों में कूड़ा फंसने से पानी की निकासी प्रभावित होती है।- रीता शर्मा पार्क का सौन्दर्यकरण होना चाहिए। पार्क ऐसा हो जिसमें सुबह शाम जाने का मन करें। पार्क के सौन्दर्यकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।- पूनम शर्मा सफाई कर्मचारी नियमित रूप से कालोनी में आकर सफाई करें। नियमित रूप से कूड़ा रोज ही उठना चाहिए। - इन्द्रमणि। कालोनी में प्रकाश की व्यवस्था के लिए अधिक से अधिक स्ट्रीट लाइट लगे। स्ट्रीट लाइट लगेगी तो कालोनी में रात में रोशनी रहेगी। -उमा शर्मा। नालियों में पॉलीथीन अड़ जाती है और गंदा पानी रुक जाता है। अगर नालियों की सफाई रोज हो तो नालियों में गंदगी न हो और पानी की निकासी की कोई समस्या न हो। -विशंभर सिंह प्रधान। कालोनी में जलभराव की बड़ी समस्या है। इस समस्या पर विशेष ध्यान दिया जाए। नगर पालिका और जिला प्रशासन कालोनी के लोगों को इस समस्या से निजात दिलाए। -संजय त्यागी। सुझाव 1. जलभराव की समस्या का निस्तारण होना चाहिए। 2. चौराहों पर स्ट्रीट लाइट लगनी चाहिए। 3. कालोनी के दोनों साइड में गेट लगने चाहिए। 4. नालियों की सफाई रोज होनी चाहिए। 5. नियमित रूप से कूड़ा रोज उठना चाहिए। शिकायतें 1. जलभराव कालोनी में बड़ी समस्या है। 2. नालियों की सफाई नहीं होती है। 3. रोशनी की व्यवस्था के लिए पर्याप्त स्ट्रीट लाइट नहीं है। 4. नियमित रूप से सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं। 5. रोज के रोज कूड़ा नहीं उठता है।