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सचिव की मुख्य खबर: प्रभारी अधिकारी के सामने खुल गया रशीदपुर गढ़ी विद्यालय की शिक्षा का सच

प्राथमिक विद्यालय रशीदपुर गढ़ी में छात्र, छात्राओं को मिड-डे-मील मिलता है, जूते मौजे, निशुल्क किताब, बैग, स्वेटर, फल और दूध सब मिलता है, लेकिन ऐसा लगता है कि शिक्षा नहीं...

सचिव की मुख्य खबर: प्रभारी अधिकारी के सामने खुल गया रशीदपुर गढ़ी विद्यालय की शिक्षा का सच
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरThu, 20 Jun 2019 12:17 AM
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प्राथमिक विद्यालय रशीदपुर गढ़ी में छात्र, छात्राओं को मिड-डे-मील मिलता है, जूते मौजे, निशुल्क किताब, बैग, स्वेटर, फल और दूध सब मिलता है, लेकिन ऐसा लगता है कि शिक्षा नहीं मिलती। प्रभारी अधिकारी भुवनेश कुमार के सामने विद्यालय की छात्राओं द्वारा 16 और 17 का पहाड़ा ना सुनाया जाना इसकी बानगी है।

पूरे गांव के लोगों ने देखा और महसूस किया कि इस विद्यालय में कैसी शिक्षा मिलती है। बिजनौर के लिए नामित प्रभारी अधिकारी भुवनेश कुमार सचिव, व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रावैधिक शिक्षा तथा सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम उत्तर प्रदेश शासन बुधवार को करीब 11 बजे गांव रशीदपुर गढ़ी में हुए विकास एवं राजस्व कार्यो का निरीक्षण एवं सत्यापन करने के लिए पहुंचे। वहां समीक्षा चल रही थी और सभी अधिकारी अपने अपने विभाग द्वारा गांव में किए कार्य के बारे में बोल रहे थे। गांव वाले भी अपनी समस्या और परेशानी बया कर रहे थे। प्रभारी अधिकारी के सामने बीएसए महेशचन्द्र का नम्बर आता है। वह प्राथमिक विद्यालय रशीदपुर गढ़ी के बारे में मंच से बताते है कि 95 बच्चे है और योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। बच्चों के अभिभावक बुलाए जाते हैं। प्रभारी अधिकारी से लेकर डीएम और सीडीओ तक सभी मौजूद थे। बीएसए महेशचन्द्र बच्चों के अभिभावक और विद्यालय की दो छात्राओं से पूछते है कि मिड डे मील मिल रहा है या नहीं, जूते मौजे मिले, स्वेटर मिला, निशुल्क किताब मिली, फल मिलता है, दूध मिलता है या नहीं। बीएसए के पूछने पर बच्चों और अभिभावकों ने सभी चीजों को लेकर हामी भरी। अभिभावक चले गए। बच्चे भी जाने लगे तो नामित प्रभारी अधिकारी भुवनेश कुमार ने दोनों छात्राओं को रोक लिया और कहा सब मिलता है, लेकिन यह बताओ की पढ़ाई होती है या नहीं। छात्राओं ने कहा होती है। जिस पर उन्होंने छात्राओं से 16 और17 का पहाड़ा सुनाने के लिए कहा। छात्राएं पहाड़ा नहीं सुना पाई। हां 12 का पहाड़ा तो सुना दिया लेकिन छात्राएं 16 और 17 के पहाडे़ को नहीं सुना पाई। यह नजारा सबने देखा कि किस तरह सरकारी स्कूलों में छात्रों की शिक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है। बावजूद इसके प्रभारी अधिकारी ने छात्राओं को उत्साहवर्द्धन के लिए 100 रुपये दिए। दावें तो पब्लिक स्कूलों को टक्कर देने के हो रहे है लेकिन शिक्षा का स्तर निम्न। बतादें कि प्राथमिक विद्यालय रशीदपुर गढ़ी में चार अध्यापक और पांच शिक्षा मित्र तैनात है। इतने ज्यादा शिक्षक भी छात्रों को शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। शहर से सटे विद्यालय का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे विद्यालयों में कैसी शिक्षा मिलती होगी

पानी की निकासी ना होने और सड़क के गड्ढ़ों का उठा मामलाप्रभारी अधिकारी भुवनेश कुमार के सामने गांव रशीदपुर गढ़ी के ग्रामीणों ने कहा कि गांव में पानी की निकासी नहीं होती। जलभराव हो जाता है। सड़कों पर गड्ढे हैं। कुछ ग्रामीणों ने बिजली के बिलों में हो रही गड़बड़ी की शिकायत की। कहा कि बिल गलत आता है जिससे बिजली कार्यालय जाना पड़ता है। जिस पर उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा कि बिजली के बिलों के नाम पर उपभोक्ताओं को परेशान ना किया जाए। पानी की निकासी के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए ताकि पानी निकासी हो सकें और गांव को लोगों को राहत मिले। ग्रामीणों ने मवेशियों के ठेके ना होने की बात कहीं। बाद में आकियू के जिलाध्यक्ष चौधरी विरेन्द्र सिंह ने गन्ना भुगतान ना होने की समस्या को उठाया। उन्होंने कहा कि किसानों को भुगतान नहीं हो रहा है। जिससे परेशानी से जूझना पड़ रहा है। किसानों की समस्या को देखते हुए बकाया भुगतान कराने की मांग उठाई। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी और आशाओं की ग्रामीणों से पहचान कराई गई। ग्रामीणों ने कहा कि यह गांव में आती है। ग्रामीणों ने गैस एजेंसी द्वारा अतिरिक्त पैसे वसूले जानी की भी शिकायत की। वहीं जिला प्रवक्ता राष्ट्रीय लोकदल यादराम सिंह चंदेल ने प्रभारी अधिकारी को जिला अस्पताल में चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए ज्ञापन सौंपा। साथ ही बिजनौर में एनआरएचएम में किए गए भ्रष्टाचार व घोटाले की जांच की मांग की।

पानी की निकासी को कार्ययोजना बनाने व समस्याओं के समाधान के दिए निर्देशबिजनौर के लिए नामित प्रभारी अधिकारी भुवनेश कुमार सचिव, व्यवसायिक शिक्षा एवं प्रावैधिक शिक्षा तथा सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम उत्तर प्रदेश शासन ने 11 बजे ब्लॉक मोहम्मदपुर देवमल के ग्राम रशीदपुर गढ़ी में हुए विकास एवं राजस्व कार्यों का निरीक्षण एवं सत्यापन किया। इस अवसर पर उन्होंने परियोजना निदेशक को निर्देश दिए कि गांव में पानी की समुचित निकासी के लिए कार्ययोजना बनाएं और ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान करना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिजली बिल भेजे जाने और उनको विभाग द्वारा अनावश्यक रूप से परेशान करने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए हुए उन्होंने विद्युत के अधिकारी के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कड़े निर्देश दिए कि गांव में कैम्प कर ग्रामवासियों की समस्या का समाधान कराना सुनिश्चित करें और चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।निरीक्षण के दौरान शौचालय निर्माण, वृद्ध पेंशन, दिव्यांग, पेंशन, शिक्षा,कृषि, स्वास्थ्यए,विकास, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि,पूर्ति, लोक निर्माण विभाग, बाल एवं महिला स्वास्थ्य सहित अन्य संबंधित विभागों द्वारा गांव में कराए गए विकास एवं राजस्व कार्य संतोषजनक पाए गए। इस अवसर पर जिलाधिकारी सुजीत कुमार, मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण मिश्र, मुख्य चिकित्सा अधिकारी शरद त्यागी, अपर पुलिस अधीक्षक उप जिलाधिकारी सदर बृजेश कुमार, सिंह, सीवीओ डॉ भूपेन्द्र सिंह, उपकृषि निदेशक जेपी चौधरी, डीएसटीओ डॉ हरेन्द्र, केएम सिंह, मनोज कुमार, डीआईओएस आरके सिंह, महेशचन्द्र बीएसए आदि मौजूद रहे।

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