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बोले बिजनौर : विकास को तरस रहा मिशन कंपाउंड

Bijnor News - मिशन कंपाउंड के निवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहाँ की सड़कों की हालत बहुत खराब है, खासकर बारिश के दौरान। लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। चर्च की संपत्ति पर भूमाफियाओं...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिजनौरMon, 24 March 2025 06:04 PM
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बोले बिजनौर : विकास को तरस रहा मिशन कंपाउंड

शहर के बीचोंबीच स्थित मिशन कंपाउंड की आबादी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। यहां कई जगह तो आज तक सड़क ही नहीं बनाई गई। बारिश में हालात बद से बदतर हो जाते हैं। तालाब भी झाड़ियों के कारण दिखाई नहीं दे रहा। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इस कारण लोगों को बदबू के कारण सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है। गंदगी के कारण बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। मिशन कंपाउंड में चाहे सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च की दिशा से जाना हो, सिविल लाइन्स में पंजाब नेशनल बैंक वाली गली से पहुंचे अथवा गायत्री नर्सिंग होम के बराबर से जाएं, यहां एक भी सड़क पक्की नजर नहीं आती। यहां मिट्टी की ऊबड़-खाबड़ सड़कें है। बरसात में तो इनसे चलना भी दूभर रहता है। पार्क के लिए जगह तो खूब है, लेकिन वहां झाड़ियां खड़ी हैं। नाले-नालियों की कमी तो है ही यहां मौजूद तालाब में भी गंदगी से अटे पड़े हैं।

क्षेत्रवासियों के अनुसार विकास में रोड़ा यहां चर्च की सम्पत्ति पर पड़ी कुदृष्टि बनी। दरअसल शहर के बीचों बीच का यह इलाका तीन ओर से पॉश इलाके से घिरा होने के कारण यहां की जगह बेशकीमती है। भूलेखों में चर्च की सम्पत्ति दर्ज होने तथा उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में शासनादेश के अनुरूप तीन जिलाधिकारियों द्वारा बिक्री पर लिखित रोक लगाने के बावजूद बिना विधिक अधिकार की पावर ऑफ अटार्नी का सहारा लेकर डेढ़ दशक पूर्व चर्च की करीब 25 बीघा भूमि का बैनामा हो गया। तत्कालीन जिलाधिकारी ने इसका संज्ञान लेकर कथित बैनामे को शून्य करने का आदेश जारी करते हुए संबंधित के साथ ही रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इस पर लेखपाल अशोक शर्मा की ओर से 19 जून 2010 को थाना कोतवाली शहर में एफआईआर पंजीकृत कराई गई थी।

हाउस टैक्स व अन्य कर देते हैं, सुविधाएं नहीं

मिशन कंपाउंड के आवासों में रहने वाले लोगों के अनुसार वह हाउस टैक्स व अन्य टैक्स का नगरपालिका को भुगतान करते हैं। वोटर भी हैं, लेकिन सुविधाएं नगण्य हैं।

बारिश में हालात ज्यादा खराब

मिशन कंपाउंड में पक्की सड़कें न होने से बारिश में हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं। कच्ची सड़कों पर जलभराव होने के कारण कई दिन इन सड़कों से निकलना बंद हो जाता है। लोगों का कहना है कि अफसरों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक समाधान नहीं हुआ।

दोपहर में निकलने से भी लगता है डर

मिशन कंपाउंड में तालाब और अन्य जगह झाड़ियां उगी हुई हैं। दोपहर में इन जगहों से निकलने में डर भी लगता है। वहीं लाइटिंग की भी सही व्यवस्था न होने के कारण शाम को बाहर तक नहीं जा पाते है।

भूमाफियाओं की बेशकीमती जमीन पर नजर

मिशन कंपाउंड निवासियों के अनुसार फर्जी बैनामा कराने वाले भूमाफिया ने हार नहीं मानी स्थानीय कोर्ट में बात नहीं बनी तो हाईकोर्ट का सहारा लिया। अब चर्च की जमीन की लड़ाई न्यायालय में चल रही है। अदालत का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश है, लिहाजा चाहकर भी नगरपालिका अथवा कोई अन्य यहां विकास कार्य नहीं करा पा रहा। ऊबड़ खाबड़ कच्ची सड़कें हैं। विकास थमने के बावजूद यहां के लोग इंसाफ की उम्मीद में हक की लड़ाई जारी रखे हैं, इनका कहना है कि न्याय मिलने पर सड़कें भी बन जाएंगी, अन्य विकास भी होंगे। हम इसके लिए इंतजार को तैयार हैं।

1882 में अमेरिकन मैथोडिस्ट चर्च के नाम से खरीदी थी जमीन

सरकारी भूलेखों में जहां मिशन कंपाउंड की भूमि फरीदपुर खेमा (कस्बा बिजनौर), नगरपालिका सीमा में चर्च सम्पत्ति के रूप में दर्ज है, अभिलेखों के अनुसार यह भूमि 7 जून 1882 में इमदाद, अलहदाद इमादी व जैबुलनिशां आदि से अमेरिकन मैथोडिस्ट चर्च के नाम से खरीदी गई थी। अलग-अलग वर्षों में तत्कालीन जिलाधिकारी रहे नवदीप रिनवा, रिग्जियान सैम्फियल व एवी राजमौलि की ओर से लिखित आदेश जारी कर इस जमीन की बिक्री व बैनामा किए जाने पर रोक लगाई गई थी। जिलाधिकारी की ओर से इसकी रजिस्ट्री किए जाने पर भी बैनामे को शून्य करते हुए रिपोर्ट लगाई गई थी, कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ के निर्णय के क्रम में प्रमुख सचिव की ओर से निर्गत शासनादेश के अनुसार भी उपासना स्थल अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अनुसारन क्रिश्चियन मिशनरियों/चर्च गिरजाघरों, कब्रिस्तानों व इस आशय की दर्ज जमीनों को किसी भी व्यक्ति द्वारा बेचने, खरीदने, बन्धक करने तथा पट्टा करने का अधिकार नहीं है और ना ही ऐसी सम्पत्तियों के स्वरूप को संबंधित जिलाधिकारी की पूर्वानुमति के बिना बदला ही जा सकता है।

शिकायतें

- चर्च की सम्पत्ति होने व रोक के बावजूद इसका बैनामा कर विवादित बना दिया

- सड़के हैं ही नहीं, ऊबड-खाबड़ कच्ची पगडंडियां हैं

- सीवर लाइन तो बिछी है, लेकिन घरों अथवा नालियों से कनेक्ट नहीं

- पथ प्रकाश की उचित व्यवस्था नहीं, बिजली के तार कई जगह जर्जर हैं

- अल्पसंख्यक वर्ग में शुमार होने पर भी आरक्षण का कहीं लाभ नहीं मिलता

सुझाव

- चर्च की सम्पत्ति के विधिविरुद्ध बैनामे के प्रकरण में शीघ्र न्याय मिले

- यथास्थिति के आदेशों का उल्लंघन न करते हुए जो सुविधाएं मिल सकें, दी जाएं

- सीवर लाइन पहले से बिछी है, इसे घरों अथवा नालियों से कनेक्ट किया जा सकता है

- पुराने खंभों पर ही पथ प्रकाश की उचित व्यवस्था हो व जर्जर ताल बदलें जाएं

- अल्पसंख्यक वर्ग में होने के कारण आरक्षण के अनुरूप प्रवेश व नौकरियों में लाभ मिले

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इनका कहना है......

विधिविरुद्ध जाकर चर्च की सम्पत्ति बेचे जाने के कारण ही मिशन कंपाउंड में विकास का पहिया थमा है। हम लोग न्याय की प्रतीक्षा में हैं। - रंजीत सिंह

सड़कें ऊबड़खाबड़ हैं। उचित पथ प्रकाश नहीं है। रोज इन्हीं से बच्चे-बड़े बूढ़े सब गुजरते हैं। मालूम है, कि एक दिन इंसाफ होने पर ये सब भी ठीक हो जाएंगे। -बी नाथ

अन्य अल्पसंख्यकों की भांति ईसाइयों को भी इस वर्ग को मिलने वाली सुविधाएं मिलनी चाहिए। बच्चों को उच्च शिक्षा की फीस में छूट व नौकरियों में आरक्षण मिले। - अनूप सिंह

ईसाई समुदाय के लोग अपनी शिक्षा के दम पर सरकारी सेवाओं में हैं। शिक्षा से लेकर चिकित्सा व अन्य क्षेत्रों में समाज की सेवा कर रहे हैं। सुविधाएं मिलनी चाहिएं। - अनुराग नाथ

हमने अन्याय होते देखा है जब चर्च की सम्पत्ति कानून के विरुद्ध खुर्द-बुर्द करने की कोशिशें हुई, जिला प्रशासन ने उस समय सहयोग दिया। इंसाफ जरूर मिलेगा। - दीपाली सिंह

बिजली की लाइनों के तार मिशन कंपाउंड में कईं जगह जर्जर व झूल रहे हैं। कम से कम इन तारों को बिजली विभाग को जरूर बदलवाकर सही कराना चाहिए। - जेम्स सिंह

एक नहीं तीन-तीन डीएम ने उस समय हम लोगों की हक की लड़ाई में पूरा साथ दिया, अन्यथा भूमाफिया चर्च की सम्पत्ति कब्जाने के मकसद में कामयाब हो जाते। उम्मीद ही नहीं विश्वास है कोर्ट से शीघ्र न्याय मिलेगा। - जोशवा टॉमस

बचपन से जवानी में कदम रखने तक शहर के बीच रहने पर भी इन्हीं खराब पगडंडीनुमा सड़कों से आने जाने की आदत हो गई है। उम्मीद है शीघ्र समस्या हल होगी। - रॉकी

न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किए बिना नगरपालिका की ओर से जो सुविधाएं दी जा सकती हैं, वह जरूर मिलनी चाहिए। सफाई समय से हो सकती है। - शकुंतला टॉमस

जिला प्रशासन ने हम लोगों का पूरा साथ दिया है। पूर्ण विश्वास है, कि परमेश्वर की कृपा से हमें इंसाफ मिलेगा और विकास भी होगा। - सिमरन

यहां के लोग नगरपालिका के वोटर हैं। सड़कें-पार्क जब बनेंगे, बन जाएंगे। इसके बावजूद नगरपालिका की ओर से सफाई की उचित व्यवस्था रहनी जरूरी है। -फेथ सिंह

शिक्षा और चिकित्सा में मुख्य योगदान देने वाले ईसाई समाज की अल्पसंख्यक आरक्षण मिलने में उपेक्षा नजर आती है। इसका लाभ मिलना चाहिए। - ई मैनुअल

अब इन कच्ची सड़कों पर चलने की आदत हो गई है। बच्चों के खेलने के लिए बड़ों के घूमने के लिए पार्क तक नहीं है। अब न्यायालय से ही आस है। - आशीष

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बोले जिम्मेदार

मिशन कंपाउंड में न्यायालय के यथास्थिति बनाए रखने के आदेशों के कारण सड़क बनाने व अन्य विकास कार्य पर रोक है। सफाई व अन्य रुटीन कार्य कराए जाते हैं। सफाई के लिए विशेष तौर पर निर्देशित किया जाएगा। - विकास कुमार, अधिशासी अधिकारी, बिजनौर

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