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ऑनलाइन शिक्षा में कई स्पीड ब्रेकर

ऑनलाइन शिक्षा परवान चढे़ कहना मुश्किल है। ऑनलाइन शिक्षा में कई स्पीड ब्रेकर है। कहीं इंटरनेट की समस्या तो कहीं मोबाइल ना होना बड़ी समस्या है। अभी तक ऑनलाइन शिक्षा से शत प्रतिशत छात्र, छात्राएं नहीं...

ऑनलाइन शिक्षा में कई स्पीड ब्रेकर
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरWed, 22 Jul 2020 06:52 PM
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ऑनलाइन शिक्षा परवान चढे़ कहना मुश्किल है। ऑनलाइन शिक्षा में कई स्पीड ब्रेकर है। कहीं इंटरनेट की समस्या तो कहीं मोबाइल ना होना बड़ी समस्या है। अभी तक ऑनलाइन शिक्षा से शत प्रतिशत छात्र, छात्राएं नहीं जुड़ पाएं हैं।कोविड 19 महामारी पूरी दुनिया में कहर बरपा रही है।

शिक्षण संस्थानों में परीक्षाएं रदद हो गई है तो वहीं स्कूल तो खुल गए है लेकिन बच्चे स्कूलों में नहीं आ रहे हैं। इंटर स्कूल हो या पब्लिक स्कूल ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। पब्लिक स्कूलों, इंटर स्कूल व बेसिक स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज चल रही है। बच्चों को मोबाइल गु्रप के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा तो दी जा रही है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा में कई स्पीड ब्रेकर है। इंटर स्कूलों में अभी तक करीब 20 प्रतिशत छात्र, छात्राएं ऑनलाइन शिक्षा से नहीं जुडें है। ऐसा ही हाल बेसिक स्कूलों में भी है। बेसिक स्कूलों में पौने दो लाख छात्र, छात्राओं में अभी तक 25 हजार के करीब छात्र, छात्राओं को ऑनलाइन क्लासेज से जोड़ा गया है। एसआरजी स्टेट रिर्सोस गु्रप डॉ आकाश अग्रवाल ने बताया कि अभी तक मात्र 25 हजार छात्र, छात्राएं ही ऑनलाइन क्लासेज से जुड़ पाए है। स्मार्ट फोन और इंटरनेट ना होना ऑनलाइन क्लासेज में स्पीड ब्रेकर है। इसके अलावा अधिकतर बच्चों को टीवी और रेडियो के माध्यम से नियमित रूप से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।इंटर स्कूल हो या फिर बेसिक स्कूल ऑनलाइन क्लासेज में सबसे बड़ी बड़ी बाधा स्मार्ट मोबाइल और इंटरनेट की समस्या है। गांव देहात में इंटरनेट की समस्या सामने आती है। चाहकर भी छात्र और उनके अभिभावक ऑनलाइन क्लासेज अटैंड नहीं कर पाते हैं। बेसिक स्कूलों में काफी छात्रों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण उनके पास स्मार्ट मोबाइल ना होने से भी ऑनलाइन शिक्षा छात्रों को नहीं मिल पा रही है। पब्लिक स्कूलों में इस समय ऑनलाइन क्लासेज चल रही है। कभी बच्चों को आवाज नहीं आती तो कभी इंटरनेट प्रॉब्लम के चलते ऑनलाइन क्लासेज बाधित हो जाती है। अगर कोविड 19 महामारी का कहर ना होता तो स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई चल रही होती। ऑनलाइन क्लासेज में सब बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है। अभिभावक संघ के संरक्षक नृपेन्द्र देशवाल ने कहा कि ऑनलाइन क्लासेज स्कूलों का केवल फीस लेने का मात्र साधन है। जिसके नाम पर अभिभावकों से ठगी हो रही है। नृपेन्द्र सिंह देशवाल ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेज से शत प्रतिशत छात्र जुड़ नहीं पाए है। कभी बीच में इंटरनेट की समस्या आने से क्लास डिस्टर्ब हो जाती है। ऑनलाइन क्लासेज से बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ रहा है। - प्रयास किए जा रहे हैं कि अधिक से अधिक बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज से जोड़ा जाए ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित ना हो। बेसिक स्कूलों में मोबाइल और इंटरनेट की समस्या ऑनलाइन शिक्षा में बाधा बन रही है। ऐसे बच्चों को टीवी और रेडियो के माध्यम से शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।-- महेशचन्द्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बिजनौर

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