किसानों के संघर्ष की जंग में महेंद्र सिंह टिकैत की विरासत संभाली तीसरी पीढ़ी
किसानों के संघर्ष की जंग में बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की विरासत को तीसरी पीढ़ी ने संभाल लिया है। दरअसल एक तरफ चौधरी राकेश टिकैत ने दिल्ली में...

किसानों के संघर्ष की जंग में बाबा महेंद्र सिंह टिकैत की विरासत को तीसरी पीढ़ी ने संभाल लिया है। दरअसल एक तरफ चौधरी राकेश टिकैत ने दिल्ली में मोर्चा संभाल रखा है तो वहीं दादा की विरासत संभालने के लिए गौरव टिकैत ने बिजनौर में मोर्चा संभाला। पहली बार गौरव टिकैत विदुर की धरती पर इतनी बड़ी महापंचायत में पहुंचे। टिकैत परिवार की तीसरी पीढ़ी के रूप में गौरव टिकैत पिछले काफी समय से किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। दादा स्व. बाबा महेन्द्र सिंह टिकैत अपने इस पौते से बहुत प्रेम करते थे। गौरव टिकैत के बिजनौर आने की सूचना पर हजारों किसानों का जनसैलाब उनसे मिलने के लिए उमड़ पड़ा।
स्व. बाबा महेन्द्र सिंह टिकैत का विदुर की धरती से गहरा नाता रहा है। बाबा महेन्द्र सिंह टिकैत रशीदपुर गढ़ी गांव में खूब आया करते थे। उनके आते ही रणसिंघे की आवाज पर गांव के लोग उनसे मिलने पहुंच जाया करते थे। रशीदपुर गढ़ी गांव के लोगों से इतना प्रेम करते थे कि उनके साथ चूल्हे के पास बैठकर ही खाना खाते थे। किसानों के संघर्ष की जंग में टिकैत परिवार की तीसरी पीढ़ी गौरव टिकैत ने भी किसानों की लड़ाई लड़नी शुरू कर दी है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कृषि बिलों के विरोध में दिल्ली में डेरा जमा रखा है तो गौरव टिकैत ने बिजनौर में आयोजित महापंचायत में पहुंचकर मोर्चा संभाला।
कई हजार लोगों की भीड़ को गौरव टिकैत ने सम्बोधित किया। कहा कि दिल्ली में चल रहा किसानों का आंदोलन सफल बनाया जाएगा। आंदोलन को और मजबूती के साथ लड़ा जाएगा। किसान शांतिपूर्वक बैठकर गौरव टिकैत को सुनते रहे। वैसे तो गौरव टिकैत कई बार बिजनौर किसानों के आंदोलन में आए हैं लेकिन इतनी बड़ी महापंचायत में पहली बार बिजनौर पहुंचे हैं। गौरव टिकैत ने कहा कि हम महात्मा महेन्द्र सिंह टिकैत के वंशज है। हम सदैव किसान बिरादरी के ऋणी रहेंगे। अराजनैतिक रूप से निस्वार्थ किसानों की लड़ाई लड़ते रहंेगे। किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। गौरव टिकैत ने कहा कि टिकैत परिवार के रहते किसानों के साथ अत्याचार नहीं होने दिया जाएगा।
