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भुखमरी की कगार पर पहुंचे मदरसा शिक्षक, 36 महीने से नहीं मिला मानदेय

सोचो लगातार काम करने के बावजूद 36 माह से अगर मानदेय नहीं मिलेगा तो हालात कैसे होंगे? हालात भूखमरी से कम नहीं...

भुखमरी की कगार पर पहुंचे मदरसा शिक्षक, 36 महीने से नहीं मिला मानदेय
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरTue, 08 Jan 2019 09:52 PM
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सोचो लगातार काम करने के बावजूद 36 माह से अगर मानदेय नहीं मिलेगा तो हालात कैसे होंगे? हालात भूखमरी से कम नहीं होंगे। जी हां मदरसा शिक्षकों को 36 माह से मानदेय नहीं मिला है। जिसके चलते शिक्षक भूखमरी के कगार पर पहुंच गए है।

शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अल्पसंख्यम कल्याण अधिकारी से मिला और मानदेय की मांग की। जानकार ताज्जुब होगा कि बिजनौर में शिक्षकों के हालात नहीं पूरे प्रदेश में इन शिक्षकों का यहीं हाल है। प्रदेश भर के शिक्षकों को पिछले 36 माह से मानदेय नहीं मिला है। मदरसा आधुनिकरण योजना के तहत जिले के करीब 230 मदरसों में छात्र, छात्राओं को आधुनिक विषयों जैसे अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मानदेय पर मदरसा शिक्षकों की तैनाती की गई थी। यह सभी शिक्षक मदरसों में छात्रों को विज्ञान, गणित और अंगे्रजी पढ़ाकर आगे बढ़ा रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि इन शिक्षकों को पिछले 36 माह से मानदेय नहीं मिला है। मदरसा शिक्षक कई बार मानदेय की मांग उठा चुके हैं लेकिन आज तक मानदेय नहीं मिला। जिसके चलते भूखमरी की कगार पर पहुंच गए है। आर्थिक स्थिति लड़खड़ा रही है। बिना मानदेय मिले भी शिक्षक बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। बिजनौर में करीब 650 मदरसा शिक्षकों को मानदेय का इंतजार है। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक मानदेय की बाट जोह रहे हैं। केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक मानदेय नहीं मिला है। इन शिक्षकों को आठ से पन्द्रह हजार रुपये तक मानदेय मिलता है। इन शिक्षकों को कब मानदेय मिलेगा और इनके घर में कब खुशहाली आएगी कहना मुश्किल है?:::::::::::मदरसा शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिला था। 36 माह से इन्हें मानदेय नहीं मिला है। 230 मदरसों में करीब 650 शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला है। 8 से 15 हजार रुपये इन्हें मानदेय मिलता है। प्रदेश भर में आधुनिकरण मदरसा अध्यापकों का यहीं हाल हैं। बजट न होने के कारण ऐसी समस्या बनी है। शिक्षक कई बार मानदेय की मांग उठा चुके हैं। मानदेय दिलाने के लिए सरकार से बजट की मांग की गई है। प्रयास किए जा रहे है कि जल्द ही शिक्षकों को मानदेय दिलाया जाए। -प्रवीण मिश्र, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, बिजनौर:::::::::::::::::::

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