कोरोना से जंग में दिनभर की थकान और परिवार को रखना है सुरक्षित
- परिवार के साथ रहकर भी बिना डरे दिन रात कर रहे अपने कर्तव्य का पालन परिवार के साथ रहकर भी बिना डरे दिन रात कर रहे अपने कर्तव्य का पालन - घरों में भी अफसर सोशल डिस्टेंसिंग का रख रहे ध्यान - अपने घर...
देश कोरोना वायरस से लड़ रहा है। लॉकडाउन के चलते अधिकांश लोग घरों में है,वहीं पुलिस व प्रशासनिक अमला लॉकडाउन का पालन कराने और लायनआर्डर और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने को सड़कों पर है। ऐसे में ड्यूटी के साथ परिवार व अपनी सुरक्षा का जोखिम भी उठा रहे है। परिवार के साथ रह रहे डीएम रमाकांत पांडेय से लेकर एसडीएम सदर बृजेश कुमार सिंह से उनकी दिनचर्या को लेकर बात की गई तो उन्होंने कुछ इस तरह अपनी दिनचर्या के बारे में बताया। डीएम पी रहे गिलोय और अदरक का काढ़ाडीएम रमाकांत पांडेय ने बताया कि परिवार के साथ रह रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंक का पूरा ध्यान रख रहे हैं। घर का कोई सदस्य बाहर नहीं निकल रहा है। मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए परिवार के सभी सदस्य आयुवैदिक दवाई का इस्तेमाल कर रहे हैं। गिलोय और अदरक का काढ़ा पी रहे हैं। कोशिश करते है कि बच्चों से दूर ही रहे। डीएम रमाकांत पांडेय ने दिनचर्या के बारे में बताया कि सवेरे उठते ही लोगों के फोन आने शुरू हो जाते हैं। हजारों फोन सुनते हैं। लॉकडाउन को लेकर सभी एसडीएम और पुलिस की मीटिंग होती है। चांदपुर में हॉटस्पॉट की पोजीशन देखकर सप्लाई की स्थिति के बारे में जाना जाता है। जो लोग क्वारंटाइन है उनके प्रतिदिन 50 सैम्पल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाते हैं। क्वांरटाइन सेंटरों का निरीक्षण किया जाता है। 1 बजे अधिकारियों की बैठक लेते है। लॉकडाउन की पोजीशन देखी जाती है। कंट्रोल रुम की विजिट होती है। शाम को सीएमओ के साथ बैठक में भेजे गए सैम्पलों की जानकारी ली जाती है।सीडीओ ने घर में मेन एंट्री बंद कीसीडीओ कामता प्रसाद सिंह ने बताया कि घर की मेन एंट्री बंद कर दी है। घर के बाहर एक कमरा बना हुआ है। घर में एंट्री करने से पहले कमरे में जाकर कपड़े बदलते हैं। दो से तीन जोड़ी जूते बाहर रखे हुए है। कपड़े और जूते धूप में डाल देते हैं। गर्म पानी में नहाना, गर्म पानी पीना चल रहा है। घर में प्रवेश करने से पहले गर्म पानी से ही हाथ मुंह धोते है। मास्क और सैनिटाइजर का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। घर जाने के बाद अधिकतर समय उस कमरे में काटते है। 11 बजे ऑफिस आकर शासन द्वारा मांगी गई सूचनाएं दी जाती है। क्वारंटाइन सेंटर भी देखे जा रहे हैं। छह बजे के बाद डीएम के साथ बैठक् होती है।24 घंटे के बाद धुलवाते हैं एडीएम कपड़ेएडीएम प्रशासन विनोद कुमार गौड़ ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। सुबह योगा करने के बाद ऑफिस जाते हैं। घर लौटने पर घर के बाहर बने ऑगन में कपड़ों और जूतों को उतार दिया जाता है। साबुन और सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता है। कपड़े अगले दिन तक आंगन में पड़े रहते हैं। 24 घंटे के बाद इन कपड़ों को धुलवाया जाता है। इस दौरान इन कपड़ों को कोई टच नहीं करता है। बाहर ही स्नान करने के बाद कपड़े बदलकर बच्चों के पास जाते हैं। उन्होंने जिले के लोगों से अपील की है कि एहतियात बरते, लॉकडाउन का पालन करें, घर से बाहर ना निकले।घर के बाहर ही एसडीएम बदलते है कपड़ेएसडीएम सदर बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। वह पत्नी, दो बच्चे ओर भतीजी के साथ रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि अपने मकान के पीछे एक कमरा है। घर में प्रवेश ना कर पहले वह कमरे में जाकर ही कपड़े बदलते हैं। साबुन से हाथ धोने के बाद सैनिटाइज करने के बाद परिवार में जाते हैं। उन्होंने बताया कि सुबह सात बजे सब्जी मंडी और लॉकडाउन का जायजा लेने के बाद राशन का वितरण, क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण करते हैं। सीओ सिटी के साथ लॉकडाउन की स्थिति देखी जाती है। कंट्रोल रूम में आई शिकायतों का निस्तारण भी कराया जाता है। शाम को घर पहुंचने में नौ से दस बज जाते हैं। स्नान करने और नए कपड़े पहनने के बाद ही बच्चों के बीच जाते हैं।