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कसौंदी की फली ने ली एक और मासूम की जान

कसौंदी की फली के सेवन से एक और मासूम बच्ची मौत का शिकार हो गयी। बच्ची ने खेल-खेल में ही चार दिन पहले कसौंदी की फली के दाने खा लिए...

कसौंदी की फली ने ली एक और मासूम की जान
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरThu, 25 Oct 2018 09:59 PM
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कसौंदी की फली के सेवन से एक और मासूम बच्ची मौत का शिकार हो गयी। बच्ची ने खेल-खेल में ही चार दिन पहले कसौंदी की फली के दाने खा लिए थे। बीते शनिवार को भी इस जहरीली फली के सेवन से एक बच्ची की मौत हो चुकी है। गांव-देहात में आम तौर पर कसौंदी को पैमार या पैमाड़ के नाम से भी जाना-पहचाना जाता है।

ये जानलेवा फलियां पिछले कई साल से मासूम बच्चों की मौत का कारण बन रही हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इन जानलेवा फलियों से बच्चों को नहीं बचा पा रहा है। नजीबाबाद के मोहल्ला पहाड़गंज चारबाग निवासी तीन वर्षीय आफिया पुत्री इरफान को तीन दिन पूर्व 23 अक्तूबर को स्थानीय मंगला नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। उपचार के बावजूद हालत में अपेक्षाकृत सुधार न होने पर बुधवार को बच्ची को दिल्ली रेफर किया गया था। दिल्ली ले जाते हुए रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई। डा. विपिन मोहन वशिष्ठ के अनुसार बच्ची ने चार दिन पहले कसौंदी की फली के दाने खा लिये थे। गौरतलब है, कि कसौंदी के पौधे खर-पतवार के रुप में बरसाती पानी के कारण भारी संख्या में इधर-उधर खड़े हो जाते हैं। सितंबर माह तक इन पौधों पर फलियां आ जाती हैं। इन फलियों के दाने 15 से 25 दिन में मोटे हो जाते हैं। दाने कच्चे होने की स्थिति में खाने में फीके लगते हैं, फिर भी बच्चे इन्हें खाते हैं। पक जाने पर दाने खाए नहीं जा सकते। हर साल दर्जनों बच्चे इसे खाकर मौत का शिकार हो जाते हैं। कईं बार समय से पहुंचने पर चिकित्सक इन्हें बचा भी लेते हैं। बीते शनिवार को साहनपुर निवासी मोहम्मद जफर की पांच वर्षीय पुत्री शबनम की भी कसौंदी के दानों के सेवन से मौत हो चुकी है।

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