जगदीश चंद्र बसु को याद किया
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मंगलवार को महान वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बसु की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। इस अवसर...
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मंगलवार को महान वैज्ञानिक सर जगदीश चंद्र बसु की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। इस अवसर पर बसु जी द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में दिए गए योगदान पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य मनमोहन एवं राजीव कुमार ने मां सरस्वती एवं जगदीश चंद्र बसु के चित्र पर दीप प्रजवल्लन एवं पुष्पार्चन कर किया। मनमोहन सिंह ने बताया कि जगदीश चंद्र बसु का जन्म 30 नवंबर 1858 को बंगाल के ढाका जिले में फरीदपुर के मेमन सिंह गांव में हुआ था। उनके पिता भगवान चंद्र बसु ब्रह्म समाज के नेता थे। उनका मन जीव विज्ञान व वनस्पति विज्ञान में अधिक लगता था। उन्होंने सिद्ध किया कि पेड़ पौधे में भी जीवन है और वे भी प्यार का अनुभव कर सकते हैं। लंदन से वापस आने के बाद 1885 में बसु कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में भौतिक के सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्य करने लगे। वे तीन वर्ष तक बिना वेतन लिए कार्य करते रहे। उनकी जिद के आगे ब्रिटिश सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने पौधों की वृद्धि को मापने के लिए क्रेस्कोग्राफ नामक एक यंत्र का आविष्कार किया। विज्ञान आचार्य राजपाल सिंह, लोमश चौहान, रोहिताश, अरविंद, वीरेंद्र, हेमेंद्र आदि ने भी जगदीश चंद्र बसु के विषय में अपने विचार प्रस्तुत किए।