दोस्त ने ही पैसों के विवाद में की थी दिल्ली के एजेंट की हत्या
-पुलिस ने किया हत्याकांड का खुलासा, हत्यारोपी कारोबारी दोस्त को दबोचा किया हत्याकांड का खुलासा, हत्यारोपी कारोबारी दोस्त को दबोचा फोटो बिज...

स्वाट, सर्विलांस व नजीबाबाद पुलिस ने मिलकर विदेश भेजने के लिए वीजा और पासपोर्ट एजेंट शहबाज के हत्यारोपी दोस्त को दबोच लिया है। इसने कारोबार में पैसे के विवाद को लेकर शहबाज की हत्या की थी। पुलिस ने हत्यारोपी के पास से कैंची, खून में सनी शर्ट, होटल के कमरे की चाबी और मोबाइल आदि सामान बरामद किया है। एसपी ने खुलासा करने वाली टीम को बीस हजार रुपये का पुरस्कार दिया है।
नजीबाबाद के कान्हा होटल के एक कमरे में रविवार को रक्त रंजिश शव मिला था, जिसकी पहचान पार्सपोर्ट एजेंट शहबाज पुत्र मोहम्मद यूसुफ निवासी बी-13/362 कल्याणपुरी नई दिल्ली के रूप में हुई थी। जो मूल रूप से थाना अफजलगढ़ के मोहल्ला बेगम सराय का रहना वाला था। एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह सोमवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस टीम ने जांच में पाया कि मृतक अपने साथी शकील लंबू पुत्र वकील निवासी नई सराय थाना शेरकोट के साथ होटल आया था, लेकिन हत्या के समय वह होटल में नहीं मिला था। एएसपी सिटी डॉ. प्रवीन रंजन ने बताया कि पुलिस टीमों ने सोमवार की सुबह शकील को नजीबाबाद में रोडवेज बस स्टेंड से दबोच लिया। शकील ने बताया कि शहबाज व उसका दिल्ली में लोगों को विदेश भेजने के लिए वीजा लगवाने का काम था।
दोनों में काम व पैसों के बटवारे को लेकर रंजिश बढ़ गई थी। शहबाज उसको रौब भी दिखाता था। इसके चलते उसने कई बार उसको लाखों रुपये भी दिए थे। वह उसको प्लान करके टैक्सी से एक फर्जी पार्टी से नजीबाबाद क्षेत्र में शनिवार को मिलवाने लाया था। लेकिन पार्टी नहीं मिली। इसके बाद उसने शहबाज को एक होटल में रूककर सुबह चलने के लिए कहा था। दोनों शनिवार की रात होटल में रूके। शहबाज शराब पीने का आदि था। जब उसने अत्यधिक शराब का सेवन कर लिया, तो मौका देखकर आधी रात में उसने कैंची से उसका गला व हाथ की नश काट दी। वह सुबह मौका देखकर होटल से फरार हो गया था।
हत्या करने के बाद चार घंटे तक देखा टीवी
हत्यारोपी शकील ने बताया कि उसने शनिवार की रात 12 से एक बजे के बीच में शहबाज की हत्या की थी। इसके बाद उसने करीब चार घंटे तक टीवी पर फिल्म देखी। रविवार की सुबह करीब पांच बजे वह होटल के कमरे का ताला बाहर से लगाकर वहां से भाग गया था।
दिल्ली से ही लेकर आया था कैंची
हत्यारोपी शकील ने बताया कि वह शहबाज से काफी परेशान था। वह उससे एक ऑफिस बनवाकर वीजा का फर्जी काम भी कराना चाहता था, जिससे उसको मोटा पैसा मिल जाए। वह फर्जी काम नहीं करना चाहता था। उसने शहबाज को लाखों रुपये भी दिये थे। इसके चलते उसने शहबाज की हत्या की प्लानिंग की थी। वह उसको मारने के लिए दिल्ली से ही एक कैंची लेकर आया था।
कोरोना के बाद काम में आई थी परेशानी
शकील ने बताया कि कोरोना से पहले उसका काम बहुत की शानदार चल रहा था। वह पहले मुंबई में रहकर विदेश भेजने के लिए वीजा लगवाता था। इसके बाद उसने दिल्ली में आकर अपना ऑफिस खोल लिया था। लेकिन कोरोना में कारोबार बिल्कुल बंद हो गया। इसके बाद ऑफिस बंद करना पड़ा।
हत्यारोपी पहले भी जा चुका है जेल
एसपी ने बताया कि हत्यारोपी शकील पहले भी जेल जा चुका है। शकील कई दिनों तक अमरोहा जेल में रहा था। वह उत्तराखंड के देहरादून से जिला बदर भी है। वहीं हत्यारोपी ने बताया कि शहबाज भी करीब तीन से चार साल तिहाड़ जेल रहा है।
