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जांच हो नहीं रही, वैक्सीन की शॉर्टेज, ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों में भटक रहे मरीज

कैसा समय आया है? मरीज आखिर जाए भी तो कहां जाए? महामारी के दौर में हालात यह है, कि कोविड की जांच कराने पहुंच रहे हैं तो कुछ की जांच हो जाती है,...

जांच हो नहीं रही, वैक्सीन की शॉर्टेज, ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों में भटक रहे मरीज
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरWed, 05 May 2021 03:23 AM
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कैसा समय आया है? मरीज आखिर जाए भी तो कहां जाए? महामारी के दौर में हालात यह है, कि कोविड की जांच कराने पहुंच रहे हैं तो कुछ की जांच हो जाती है, बाकी को किट खत्म होने का कहकर लौटा दिया जा रहा है। ऐसे लोग भी जांच बगैर लौट रहे हैं, जिनके परिवार में एक दो दिन के भीतर कोई मौत हुई है। पहले प्राइवेट लैब में जांच हो रही थी, अब प्राइवेट लैब वाले भी जांच से मना कर रहे हैं। वैक्सीन की बात करें तो कोविशील्ड स्टॉक में न होने से इसकी दूसरी डोज लगवाने वाले भटक रहे हैं। कोवेक्सीन जो थोड़ी डोज बची थी, वह तीन ब्लॉकों के चुनिंदा केंद्रों पर लगाई जा रही है। सांस में दिक्कत होने पर हांफते लोग ऑक्सीजन के लिए अस्पताल भाग रहे हैं, जहां किसी को ऑक्सीजन ही मिल जाए तो उसके परिजन सौभाग्यशाली समझते हैं।

किट ही नहीं, कैसे हो सबकी कोविड की जांच?

- एंटीजन किट का स्टॉक खत्म, सभी पीएचसी पर चंद जांच के बाद किट कम होने का कहकर कर रहे हाथ खड़े

बिजनौर। संवाददाता

कभी आरटीपीसीआर जांच के लिए वीटीएम की कमी पड़ जाती है तो कभी एंटीजन किट खत्म हो जाती है। ऐसे में कोविड की जांच प्रभावित हो रही है। कांटेक्ट ट्रेसिंग कैसी हो रही होगी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि जिनके परिवार में मौत हुई है, उनके परिजनों के खुद चलकर जांच कराने पहुंचने पर भी जांच नहीं हो पा रही।

जिला अस्पताल समेत विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटीजन किट से कोविड की जांच लगातार किए जाने का दावा किया जा रहा है। आरटीपीसीआर जांच भी होती है, लेकिन जांच कराने पहुंच रहे लोगों में से बड़ी संख्या में लोगों को किट न होने आदि का कहकर वापिस लौटाने के मामले सामने आ रहे हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार मंगलवार सुबह एंटीजन किट का स्टाक सीएमओ कार्यालय के सीएमएसडी में भी खत्म हो गया था। ऐसे में पीएचसी स्तर पर जो बची किट उपलब्ध थी, उनसे जितनी जांच हो पाई वह कराई गयी। बाकी को लौटा दिया गया। इससे पूर्व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतगणना में प्रवेश के लिए एजेंटों के लिए अनिवार्य की गयी एंटीजन जांच में भी काफी किट खर्च हुई बताई गयी। 29 अप्रैल को ही 5,888 की जांच हुई थी, जिसमें अधिकांश मतगणना के लिए एजेंटों की जांच बताई गयी थी। इसके बाद से किटों की शॉर्टेज बताई जा रही है। आलम यह है, कि प्राइवेट में डॉ. लाल पैथ लैब के यहां आरटीपीसीआर जांच हो रही थी, लेकिन भुक्तभोगियों ने वॉयस रिकॉर्डिंग भेजते हुए बताया, कि अब उक्त लैब के बिजनौर और धामपुर के नंबरों पर सम्पर्क करने पर आरटीपीसीआर या एंटीजन जांच के लिए मना कर रहे हैं। पूछने पर स्पष्ट जवाब न देकर बस यह बताया जा रहा है, कि पहले हो रही थी, लेकिन अब वह जांच नहीं कर रहे हैं।

कोविशील्ड की नहीं मिली खेप, दूसरी डोज लगवाने को भटक रहे लोग

बिजनौर। जिले में 18 वर्ष से ऊपर वालों का कोविड वैक्सीनेशन तो शुरू नहीं हो पाया, लेकिन 45 पार वालों के वैक्सीनेशन वालों पर भी संकट के बादल हैं। कोविशील्ड वैक्सीन खत्म होने से इसकी दूसरी डोज लगवाने वाले केंद्रों पर भटक रहे हैं। कोवेक्सीन की करीब 3 हजार डोज मंगलवार को बची बताई गयी, वह भी तीन ब्लॉकों के चंद बूथों पर ही लगाई गयी।

गौरतलब है, कि शासन की ओर से अभी 18 वर्ष पार की उम्र वालों के लिए पहली मई से कोविड टीकाकरण अभियान बिजनौर में चलाने के न तो निर्देश आए और न ही इसके लिए वैक्सीन ही उपलब्ध कराई गयी। फिलहाल यह प्रदेश के चुनिंदा शहरों में ही शुरू हुआ बताया गया। यह अभियान तो जब शुरू होगा तब होगा, लेकिन रोजाना जिले में करीब 80 केंद्रों पर 45 वर्ष से ऊपर की आयु वर्ग वालों पर चल रहे टीकाकरण अभियान पर भी संकट के बादल छा चुके हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग टीकाकरण केंद्रों पर टीकाकरण न होने से वापिस लौटे, इनमें ऐसे लोग भी काफी बताए गए, जिन्हें कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी थी। बताया गया, कि पिछले शनिवार को ढाई हजार कोविशील्ड की डोज बामुश्किल मुरादाबाद से मिली थी वह भी खत्म हो चुकी है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया, कि कोविशील्ड वैक्सीन की शॉर्टेज के कारण ऐसा हो रहा है। हमारे पास मंगलवार सुबह कोविशील्ड खत्म थी और कोवेक्सीन की करीब साढ़े तीन हजार डोज शेष थी। इसके चलते कोवेक्सीन के तीन ब्लॉकों में ही पांच-पांच छह-छह स्थानों पर टीकाकरण सत्र चलाए गए।

कोविड-गैरकोविड के पशोपेश में प्रोटोकॉल दरकिनार, कैसे टूटेगी चेन?

बिजनौर। कोविड-गैरकोविड मरीज के पशोपेश में प्रोटोकॉल दरकिनार हो रहे हैं। ऐसे में सैम्पल रिपोर्ट में पॉजिटिव न आने पर कोविड के समान लक्षणों के बाद गंभीर रोगियों के साथ चिकित्सक व तीमारदार दोनों ही इलाज के दौरान असावधान नजर आ रहे हैं। ऐसे मामलों में मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार में शामिल लोग भी सावधानी नहीं बरत रहे। ऐसे में कोरोना चेन और लंबी होने के आसार हैं।

गौरतलब है, कि मौजूदा समय में कोविड के समान लक्षणों वाले लोगों का जिला अस्पताल व निजी अस्पताल में बड़े पैमाने पर इलाज चल रहा है। सैम्पल रिपोर्ट पॉजिटिव न होने से इन्हें अमूमन साधारण रोगी मानते हुए तीमारदार तो असावधानी बरत ही रहे हैं, इनके इलाज में जुटे अधिकांश चिकित्सक व स्टाफ भी पीपीई किट पहने नजर नहीं आते। कोविड के पुष्ट रोगी की मृत्यु होने पर पूरे प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है, लेकिन सीटी स्केन व अन्य के आधार पर कोविड के समान रोगी के अंतिम संस्कार में कोई प्रोटोकॉल नजर नहीं आ रहा। उधर चिकित्सकों का कहना है, कि जांच न होने पर भी कोविड के संदेह में होने वाली मृत्यु में पूरी सावधानी व नियमकायदों का पालन जरूरी है, ताकि भूल से भी संक्रमण की नई चेन न बन सके।

-एंटीजन किट खत्म हो गयी थी। मंगलवार को करीब 3 हजार मिल गयी हैं। कोविड जांच को हमारी ओर से किसी निजी लैब को मनाही नहीं है। कोविशील्ड वैक्सीन मंगलवार को मुरादाबाद से ढाई हजार और मिल गयी हैं। प्राप्त वैक्सीन के अनुरूप ही टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं। ऑक्सीजन की उपलब्धता हमारे यहां जिला अस्पताल के एल टू के अलावा सभी सीएचसी-पीएचसी पर है।

डॉ. विजय कुमार यादव, सीएमओ, बिजनौर

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