स्योहारा में भारत बंद का नहीं दिखा असर, सभी दुकानें खुली
बुधवार को भारत बंद का आह्वान आरक्षण समिति ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में किया था। सपा, बसपा और कई दलित संगठनों ने भी इसका समर्थन किया। हालांकि, स्योहारा के बाजारों में इसका कोई असर नहीं दिखा।...
स्योहारा। आरक्षण समिति द्वारा आयोजित भारत बंद की घोषणा के बाद जहां इस अभियान को सपा,बसपा, अस्पा सहित कई राजनीतिक पार्टियों का भी सहयोग मिल गया है और जिला मुख्यालय में भारी विरोध इसके अंतर्गत जताया जा रहा है वहीं बुधवार को भारत बंद का असर नगर के बाजारों में जरा भी नही दिखाई दिया। यहां के मार्केट और सभी दुकानें रोज की भांति खुली और पूरी रौनक और चहल पहल पहले जैसी रही। फिर भी पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तेद दिखाई दिया और आमजन अपनी रोजी रोटी कमाने में व्यस्त रहा।
बुधवार को उपरोक्त पार्टियों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किसने किया था और क्यों किया था। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एस सी , एस टी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था कि 'सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए - सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का दलितों द्वारा विरोध किया गया और आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने 21 अगस्त ने भारत बंद का ऐलान किया था। भारत बंद का समर्थन कई दलित संगठनों द्वारा और बीएसपी , एएसपी पार्टी द्वारा भी किया गया।
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