धूमधाम के साथ निकाला अलौकिक नगर कीर्तन, साध संगत हुई निहाल
गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर शहर में नगर कीर्तन धूमधाम से निकाला गया। शबद कीर्तन में गुरु गोबिंद सिंह के जीवन के क्षणों को सुनकर संगत ने वाहे गुरु-वाहे गुरु के उच्चारण...
गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर शहर में नगर कीर्तन धूमधाम से निकाला गया। शबद कीर्तन में गुरु गोबिंद सिंह के जीवन के क्षणों को सुनकर संगत ने वाहे गुरु-वाहे गुरु के उच्चारण किया। गतका पार्टी के युवाओं ने हैरतअंगेज कर्तब दिखाकर सभी को रोमांचित कर दिया। कार्यक्रम के बाद एक पंगत में संगत को लंगर बर्ताया गया।
बुधवार को नगर कीर्तन रेलवे स्टेशन गुरुद्वारे से शुरू हुआ। जो शक्ति चौक, सिविल लाइन, डाकघर चौराहा, रोडवेज, राम का चौराहा होते हुए नई बस्ती पहुंचकर समाप्त हुआ। जालंधर से आए हरजोत सिंह और लुधियाना से आई बीबी जगजीत कौर खालसा ने शबद कीर्तन किया। इसके बाद लंगर बरताया गया। बीबी रजनी कौर ने गुरु गोविंद सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म की रक्षा के और जुर्मों से लोगों को बचाने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। गुरु के बलिदानी जीपवन के बारे में बताया कि कैसे गुरु जीन ने दश और धर्म की खातिर अपने चारों पुत्रों को जंग में उतार दिया, जो बाद में शहीद हुए। साथ ही संगत को गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव की बधाइयां दीं गई। नगर कीर्तन में फूलों से सजी हुई गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी, गतका पार्टी तथा सबसे अ आगे चल रहे पंज प्यारे आकर्षण का केंद्र रहे। बैंडबाजे की धुन पर नगर कीर्तन निकाला गया। नगर कीर्तन देखने वालों की भीड़ के कारण ट्रैफिक भी थम गया। वहीं अखाड़ों में युवाओं ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। इसमें तलवार बाजी के हैरतंगेज कारनामे दिखाए गए। नगर कीर्तन का जगह जगह फूलों के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर सरदार तरनजीर्त सिंह, चरनजीत सिंह गुलाटी, गोल्डी खुराना, इकबाल सिंह, विक्की कालरा, बीबी प्रकाश कौर, सन्नी गुलाटी, कुलदीप, रिंपी गुलाटी आदि साध संगत उपस्थित रही।