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आक्रोशित किसानों ने तहसील और विधायक आवास पर की तालाबंदी

पिछला व वर्तमान गन्ना मूल्य भुगतान दिलाने की मांग को लेकर भाकियू के 2 जनवरी से दिए जा रहे धरने के 63वें दिन घोषित गोरिल्ला आंदोलन के तहत किसानों ने मंगलवार को तहसील में तालाबंदी शुरू कर...

आक्रोशित किसानों ने तहसील और विधायक आवास पर की तालाबंदी
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरTue, 05 Mar 2019 10:24 PM
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पिछला व वर्तमान गन्ना मूल्य भुगतान दिलाने की मांग को लेकर भाकियू के 2 जनवरी से दिए जा रहे धरने के 63वें दिन घोषित गोरिल्ला आंदोलन के तहत किसानों ने मंगलवार को तहसील में तालाबंदी शुरू कर दी। तालाबंदी के चलते खुले में तहसील दिवस हुआ और किसी भी अधिकारी को तहसील में नहीं घुसने दिया गया।

गोरिल्ला आंदोलन के तहत किसान अचानक दोपहर को बड़ी तादाद में रेलवे स्टेशन पर धरना देकर बैठ गए। उनकी योजना गजरौला से नजीबाबाद जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को रोकने की थी, लेकिन जिला नेतृत्व द्वारा ट्रेन नहीं रोकने के निर्देश पर किसानों ने ट्रेन नहीं रोकी। इस पर प्रशासन ने जहां राहत की सांस ली। वहीं यूनियन के कुछ बुजुर्ग और युवा कार्यकर्ता नाराज दिखे। आंदोलन के तहत किसानों ने तहसील के अलावा गन्ना समिति कार्यालय, विधायक आवास पर भी ताले लगा दिया, जो बाद में पुलिस ने तुड़वा दिए। खाद्य रसद विभाग के साथ-साथ उप निबंधक कार्यालय में तालाबंदी के चलते कोई भी बैनामा रजिस्ट्री नहीं हो सका।यूनियन के जिलाध्यक्ष चौ दिगंबर सिंह द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होने और 2 जनवरी से चांदपुर तहसील में डटे किसानों के आंदोलन के दृष्टिगत मंगलवार को किसी भी स्थान से यूनियन द्वारा गोरिल्ला आंदोलन शुरू करने की घोषणा की गई थी। इसके चलते सुबह धरने पर डटे यूनियन के कार्यकर्ताओं ने तहसील में ताले डाले दिए। इसके चलते तहसील के सभी न्यायालय बंद रहे, वहीं तहसील दिवस भी खुले में आयोजित हुआ। तहसील में किसान डटे थे कि अचानक दोपहर को वे बड़ी तादाद में चांदपुर रेलवे स्टेशन पहुंचकर और धरना देने बैठ गए। यहां किसानों ने भट्टी लगाकर चाय बनाई और पुलिसकर्मियों व यात्रियों सहित स्टेशन पर जमा किसानों की चाय पिलाई। किसानों की योजना गजरौला से नजीबाबाद जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को रोकने की थी। तीन बजकर 45 मिनट पर ट्रेन स्टेशन पहुंची तो किसान नारेबाजी करते हुए ट्रेन को रोकना चाहते थे, लेकिन, वहां मौजूद यूनियन के जिला महासचिव कुलदीप सिंह, जिला उपाध्यक्ष लुधियान सिंह, रामपाल सिंह सहित अन्य नेताओं ने टेªन को नहीं रोकने दिया और ट्रेन निर्धारित समय से चांदपुर से रवाना हो गई। ट्रेन के जाने के बाद प्रशासन ने जहां राहत की सांस ली वहीं धरनास्थल पर कुछ युवा व बुजुर्ग किसान ट्रेन नहीं रोके जाने से नाराज दिखे। उनका कहना था कि जब ट्रेन नहीं रोकनी थी तो उन्हें स्टेशन क्यों बुलाया गया। इस पर यूनियन के जिला महासचिव व उपाध्यक्ष ने पत्रकारों को बताया कि यूनियन कार्यकर्ता अनुशासित हैं और आंदोलन की कमान सेनापति यानि जिलाध्यक्ष के हाथ में है। उनके निर्देशानुसार ही आंदोलन चल रहा है। आंदोलन की अगली रणनीति क्या होगी यह उन्होंने बताने से इंकार कर दिया। विधायक आवास पर भी लगाए तालेतहसील के सभी कार्यालयों में जहां तालाबंदी रही। वहीं उपनिबन्धक व पूर्ति विभाग में भी ताले लटके रहे। किसानों ने आंदोलन के तहत गन्ना समिति कार्यालय में भी ताले लगा दिए और वहां भी कामकाज बंद करा दिया। इसके बाद किसान क्षेत्रीय विधायक कमलेश सैनी के आवास पहुंचे और वहां मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया, लेकिन वहां से किसानों के जाने के बाद पुलिस ने ताले तोड़ दिए और वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। स्टेशन बना छावनीकिसानों के गोरिल्ला आंदोलन के तहत टे्रन को रोकने की योजना थी और बड़ी संख्या में किसान भी स्टेशन पर जमा थे। किसान टेªन न रोक पाए इसके लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क था। एसडीएम धीरेन्द्र कुमार, सीओ राकेश कुमार श्रीवास्तव, तहसीलदार सुनील कुमार, एसएचओ सत्येन्द्र कुमार भारी पुलिस बल के साथ स्टेशन पर मौजूद थे। चांदपुर के अलावा हीमपुर, नूरपुर, शिवाला कला से भी अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया था। वहीं पीएसी को भी स्टेशन पर तैनात किया गया था। कुल मिलाकर स्टेशन छावनी में तब्दील नजर आया।

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