बोले बिजनौर : बदहाल सड़क ने रोका किसानों का रास्ता
Bijnor News - हल्दौर रजवाहा मार्ग की स्थिति बेहद खराब हो गई है, जिससे 10 हजार से अधिक किसानों को गन्ना सीजन के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 20 साल पुरानी इस सड़क की मरम्मत के लिए कई बार मांग की गई,...

हल्दौर रजवाहा मार्ग की हालत दयनीय है। करीब सात किमी के इस मार्ग पर सड़क कम गड्ढे ज्यादा नजर आते हैं। 20 साल पहले बना मार्ग लोगों से लेकर किसानों के लिए सिरदर्द बन गया है। गन्ना सीजन में किसानों को इस मार्ग से बड़ी परेशानी होती है। 200 से अधिक गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्राली इस मार्ग से होकर प्रतिदिन गुजरती हैं। मार्ग खराब होने से किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। मार्ग के निर्माण से लेकर चौड़ीकरण और मरम्मत की आवाज तो उठती है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। मार्ग को वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश सिंचाई एवं जल साधन विभाग द्वारा गड्ढा मुक्त कराया गया था।
उस समय ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि अब उनकी वर्षों पुरानी समस्या खत्म हो जाएगी। पांच वर्ष के भीतर ही सड़क पूरी तरह से जर्जर होकर गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। किसानों का कहना है कि इस सड़क का निर्माण गन्ना सीजन शुरू होने से पहले होना चाहिए। सड़क न बनने से करीब 10 हजार किसान प्रभावित हो रहे हैं। बिलाई चीनी मिल पर गन्ने की आपूर्ति करने वाले किसानों के सामने इस बार भी बड़ी चुनौती खड़ी होने वाली है। गन्ने का सीजन भले ही दो महीने बाद शुरू होगा। मगर जिस रास्ते से 20 गांव के किसान गन्ना लेकर मिल पहुंचते हैं, वह पूरी तरह से जर्जर और खस्ताहाल हो चुका है। हल्दौर रजवाहा मार्ग पर जगह-जगह पड़े गहरे गड्ढे इस बात का सबूत हैं कि यदि समय रहते मरम्मत नहीं हुई तो सीजन के दौरान किसानों की मुश्किलें कई गुना बढ़ जाएंगी। हल्दौर, कुम्हारपुरा, हरदासपुर गढ़ी, लाड़नपुर, शफीपुर, नांगली, खैराबाद, शाहनगर, बांगा नांगल, कुकड़ा इस्लामपुर समेत करीब 20 गांव के किसान हर साल गन्ने की सप्लाई के लिए इसी मार्ग का इस्तेमाल करते हैं। यह मार्ग बिलाई चीनी मिल की जीवनरेखा कहा जाता है लेकिन, वर्तमान में इसकी हालत इतनी खराब है कि गन्ने से लदी ट्रॉली, ट्रैक्टर और वाहन अक्सर गहरे गड्ढों में फंस जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब अभी हालात ऐसे हैं तो सीजन शुरू होने के बाद हजारों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का दबाव इस मार्ग पर पड़ेगा। ऐसे में यह मार्ग और भी खतरनाक हो जाएगा। हादसों की संभावना लगातार बनी रहती है। वाहन क्षतिग्रस्त होते हैं और गन्ने की समय पर आपूर्ति न होने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। आसपास के गांव के किसानों ने बताया कि वे कई बार संबंधित विभागों और जनप्रतिनिधियों से इस मार्ग की मरम्मत की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस सड़क का निर्माण हुए लगभग 20 साल का लंबा समय बीत चुका है, लेकिन उसके बाद से अब तक कोई बड़ा निर्माण या मरम्मत कार्य नहीं हुआ। नतीजा यह है कि हर गन्ना सीजन में किसानों को परेशानी झेलनी पड़ती है। किसानों ने कहा कि गन्ना सीजन शुरू होने से पहले इस मार्ग का निर्माण बेहद जरूरी है। ऐसा हुआ तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। सैकड़ों छोटे बडे़ वाहन भी इस मार्ग से गुजरते हैं। गन्ने के सीजन में ट्रकों का आवागमन इस मार्ग से रहता है। किसानों की मांग है कि इस मार्ग के बारे में सोचा जाए। गन्ना सीजन से पहले मार्ग का निर्माण होना चाहिए किसानों ने यह भी कहा कि गन्ने का भाव तो पहले ही लागत के मुकाबले काफी कम है। ऊ पर से यदि आपूर्ति में दिक्कत आएगी तो उनकी मेहनत पूरी तरह से चौपट हो जाएगी। किसानों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि दो महीने बाद शुरू होने वाले गन्ना सीजन से पहले ही इस मार्ग का निर्माण होना चाहिए। मार्ग का चौड़ीकरण व मरम्मत कार्य पूरा कराया जाए। ताकि सीजन शुरू होने पर किसानों को राहत मिल सके और गन्ने की सप्लाई समय पर चीनी मिल तक पहुंच सके। 2019 के बाद उपेक्षित सड़क, फिर बदहाली के गड्ढों में हल्दौर रजवाहा मार्ग को वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश सिंचाई एवं जल साधन विभाग द्वारा गड्ढा मुक्त कराया गया था। उस समय ग्रामीणों को उम्मीद जगी थी कि अब उनकी वर्षों पुरानी समस्या खत्म हो जाएगी। लेकिन गड्ढा मुक्त कराने के बाद इस मार्ग की कोई बड़ी मरम्मत नहीं की गई। पांच सालों के भीतर ही सड़क पूरी तरह से जर्जर होकर गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। बरसात और भारी वाहनों का दबाव इसे और भी खतरनाक बना देता है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने 2019 के बाद से इस मार्ग की सुध लेना ही छोड़ दिया है। जिसके चलते यह सड़क आज हादसों को न्योता देने वाला खतरनाक रास्ता बन चुकी है। नहर किनारे गंदगी से गुजरना हो रहा मुश्किल गन्ना सीजन नजदीक आते ही बिलाई मिल मार्ग की समस्याएं फिर सुर्खियों में हैं। रास्ते में स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं, पेयजल की सुविधा नदारद है और नहर किनारे गंदगी से गुजरना भी मुश्किल हो रहा है। इन हालातों से राहगीरों के साथ किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। सुझाव 1. गन्ना सीजन शुरू होने से पहले इस मार्ग की पूरी मरम्मत कराई जाए। 2. सड़क का केवल पैबंद नहीं, बल्कि संपूर्ण चौड़ीकरण और नवनिर्माण किया जाए। 3. मार्ग पर जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाए, ताकि बरसात में पानी न भरे। 4. भारी वाहनों के दबाव को देखते हुए सड़क को मजबूत (कंक्रीट/हॉटमिक्स) बनाया जाए। 5. सिंचाई एवं जल साधन विभाग और पीडब्ल्यूडी को नियमित निगरानी और रखरखाव की जिम्मेदारी तय की जाए। 6. मार्ग पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था कराई जाए। 7. नहर किनारे नियमित सफाई और पेयजल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित हो। शिकायतें 1. वर्ष 2019-20 के बाद से सड़क की कोई समुचित मरम्मत नहीं हुई। 2. जगह-जगह गहरे गड्ढे हादसों का कारण बन रहे हैं। 3. गन्ना समय पर चीनी मिल तक न पहुंचने से किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। 4. बरसात के मौसम में मार्ग तालाब जैसी स्थिति में बदल जाता है। 5. विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से बार-बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। 6. मार्ग पर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात में हादसे बढ़ रहे हैं। 7. नहर किनारे सफाई व पेयजल निकासी की व्यवस्था नहीं है। दर्द बयां किया हमारे गांव से सीजन में रोज़ाना 100 से अधिक ट्रॉली गन्ना इसी रास्ते से चीनी मिल पर जाता है। सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे पड़े हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली का संतुलन बिगड़ जाता है और अक्सर धंसकर फंस जाते हैं। - वीरेंद्र सिंह गन्ना खेतों से निकालने में ही मेहनत बहुत लगती है। ऊपर से इस टूटी सड़क पर ले जाते समय कई-कई घंटे जाम में फंस जाते हैं। देर से मिल पर पहुंचने से गन्ने का वजन भी घट जाता है। अंधेरे में लाइट न होने से दुर्घटनाओं का डर बना रहता है। - सोनू चौहान रात के समय यह रास्ता जानलेवा हो जाता है। अंधेरे में गड्ढे नज़र नहीं आते और ट्रैक्टर सीधा धंस जाता है। हर सीजन में कई वाहन पलटते हैं। हम किसान जान पर खेलकर गन्ना पहुंचाते हैं। - संजीव चौहान बरसात के बाद इस सड़क की हालत और बिगड़ जाती है। गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे पता ही नहीं चलता कि कहां रास्ता है और कहां गड्ढा। जिस कारण रोज के आने जाने वाले राहगीर चोटिल होते हैं। - लव कुमार केवल गन्ना ही नहीं, दूध और सब्ज़ियों की गाड़ियां भी इसी रास्ते से जाती हैं। खराब सड़क के कारण हमारा रोज़मर्रा का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। छोटे व्यापारी और किसान दोनों परेशान हैं। - अशोक सिंह गन्ना अगर सही समय पर न पहुंचे तो उसका वजन कम हो जाता है। यही वजह है कि हमें भुगतान कम मिलता है। यह खराब सड़क सीधे-सीधे हमारी जेब काट रही है। - राजेश कुमार पिछले साल मेरी ट्रॉली गहरे गड्ढे में पलट गई थी। सारा गन्ना सड़क पर बिखर गया, जिससे काफी नुकसान हुआ। यदि आसपास के लोग मदद न करते तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। - बाबू सिंह हमने बार-बार अधिकारियों और नेताओं से इस सड़क की मरम्मत की मांग की गई, ज्ञापन भी दिए, लेकिन नतीजा सिफर रहा। लगता है किसानों की आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं है। - टीकम सिंह गन्ना सीजन दो महीने बाद शुरू होगा। यदि इस बीच सड़क दुरुस्त न हुई तो हजारों किसान जाम और हादसों की मार झेलेंगे। प्रशासन को तुरंत संज्ञान लेकर कार्य शुरू करना चाहिए। - राजेश चौहान गन्ने की सप्लाई रुकने से मिल ही नहीं, बल्कि आसपास का पूरा व्यापार ठप पड़ जाता है। हमारी मंडी तक सामान पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। सड़क दुरुस्त होना पूरे क्षेत्र की जरूरत है। - महेश कुमार इस रास्ते से गुजरते हुए ऐसा लगता है मानो खेत में हल चला रहे हों। हर दूसरे दिन ट्रैक्टर पंचर हो जाता है। मरम्मत पर जेब से अलग खर्च और समय की बर्बादी होती है। - जुगल किशोर सैनी यह मार्ग मिल की लाइफलाइन है, लेकिन हालात ऐसे हैं कि लोग देखकर विश्वास नहीं करेंगे कि इतनी बड़ी चीनी मिल की सप्लाई इसी रास्ते से होती है। अगर अभी सुधार नहीं हुआ तो सीजन में अफरातफरी मच जाएगी। - चौधरी जयप्रकाश सिंह गड्ढों के कारण बाइक और छोटे वाहन भी बार-बार दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। पिछले साल मेरे पड़ोसी का बेटा बाइक से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। यह सड़क अब मौत का जाल बन चुकी है। - राकेश कुमार हमने कई बार धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। यह केवल सड़क नहीं, किसानों की जीविका का सवाल है। अगर अब भी काम शुरू नहीं हुआ, तो हमें आंदोलन करना पड़ेगा। - वरिष्ठ भाकियू नेता हुकम सिंह बोले जिम्मेदार किसानों की लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए क्षेत्रीय विधानसभा नहटौर के विधायक ओम कुमार के माध्यम से हल्दौर रजवाहा मार्ग के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव शासन तक पहुंचा दिया गया है। विधायक ने स्वंय इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के जलशक्ति मंत्री को पत्र भेजा है, ताकि जल्द से जल्द कार्यवाही हो सके और किसानों को गन्ना सीजन में राहत मिल सके। - नरेश कुमार, चेयरमैन सहकारी गन्ना विकास समिति, हल्दौर
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




