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बाढ़ आने से कई गांवों के हालात खराब, संपर्क मार्ग टूटे

क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। गांवों का संपर्क मार्ग टूट चुका है। ग्रामीणों के घरों में पानी भरने से घरों की छतों पर रहने को मजबूर हो...

बाढ़ आने से कई गांवों के हालात खराब, संपर्क मार्ग टूटे
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरThu, 30 Aug 2018 09:53 PM
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क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। गांवों का संपर्क मार्ग टूट चुका है। ग्रामीणों के घरों में पानी भरने से घरों की छतों पर रहने को मजबूर हो गए।

तहसील प्रशासन ने गांव में मुनादी कराकर घर खाली कर सुरक्षित स्थान राहत शिविरों में पहुंचने की अपील की है। जलीलपुर क्षेत्र के गांव रायपुर खादर, मीरापुर सीकरी, जलालपुर, जमालुद्दीनपुर, दतियाना, सुजातपुर खादर, नेवला, सियाली, कुम्हरीया आदि गांव गंगा नदी में उफान आने से बाढ़ की हालत बनी हुई है। कई गांव में पानी भरा हुआ है। सभी गांव के संपर्क मार्ग टूट चुके हैं। कई परिवारों के चूल्हे जलाने को भी जगह नहीं बची है। कुछ ग्रामीणों ने बाढ़ के कहर को देखते हुए अपने बच्चों और पशुओं को रिश्तेदारी में पहुंचा दिया है। घरों में पानी भरने से ग्रामीण घर की छतों पर रहने को मजबूर हो गए हैं। पिछले दो दिनों से पानी उतार रहा था 1 से 2 फिट पानी नीचे आ गया। ग्रामीणों ने बड़ी राहत की सांस ली थी। किसानों की सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारे की है। कई ग्रामीणों के पशु कई दिनों से भूखे प्यासे पानी में बंधे हुए हैं। जो केवल जंगल में चलने के लिए ही जाया करते थे जंगल में पानी भरा होने के कारण खाने के लिए कुछ नहीं मिल रहा और पशु बीमार होने लगे हैं ।ग्रामीणों की फसल जलमग्न होकर मरने की कगार पर है। मंगलवार को तहसील प्रशासन ने 65 परिवारों को 250 लोगों को राहत सामग्री किट का वितरण किया गया तहसीलदार ने गांव में मुनादी कराकर ग्रामीणों को बाढ़ पीड़ित चौकियों में रहने को कहा है। गांव में बताया गया गंगा नदी में एक लाख की क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। ग्रामीण अपने अपने घर खाली करके बाढ़ राहत चौकियों व सुरक्षित स्थान में चले जाएं। इस मुनादी को सुनकर ग्रामीणों के रोंगटे खड़े हो गए। ग्रामीण पानी छोड़े जाने की खबर से भयभीत नजर आ रहे हैं।

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