आर्थोपेडिक सर्जन पर चिकित्सक पत्नी ने दर्ज कराया प्रताड़ना का केस
जिला मुख्यालय पर प्रेक्टिस करने वाले आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अमित नारायण और उनके परिजनों के खिलाफ उनकी पत्नी की ओर से प्रताड़ना का केस दर्ज कराया गया...
जिला मुख्यालय पर प्रेक्टिस करने वाले आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अमित नारायण और उनके परिजनों के खिलाफ उनकी पत्नी की ओर से प्रताड़ना का केस दर्ज कराया गया है।
उत्तराखंड के जसपुर थाना पुलिस दहेज उत्पीड़न और मारपीट समेत विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।उत्तराखंड के जिला उधम सिंह नगर में जसपुर सीएचसी पर तैनात चिकित्सक डॉ. शिल्पी की ओर से 9 सितंबर को दर्ज कराई गयी एफआईआर में कहा गया है कि उसका विवाह 20 अक्तूबर 2012 को डॉ. अमित नारायण पुत्र महिपाल सिंह निवासी शांति निकेतन कालोनी नजीबाबाद रोड बिजनौर के साथ हुआ था। शादी के एक सप्ताह बाद से ही ससुर महिपाल सिंह, सास जितेन्द्र देवी, देवर कमल नारायण, देवरानी सोमा देवी, ननद डॉ. रीतु चौहान, ननदोई डॉ. पंकज सिंह पुत्र डॉ. करन सिंह कम दहेज लाने के ताने मारने लगे तथा दहेज में होंडा सिटी कार की मांग की। एतराज करने पर उसके साथ मारपीट की जाती। जब वह दिल्ली में अपने पति के साथ रहती थी तो नवंबर 2012 में गर्भवती होने पर चैकअप कराया और गर्भ में लड़की होने का पता चलने पर गर्भपात भी करा दिया। दहेज की मांग को लेकर मारपीट में उसके कान का पर्दा भी फट गया था। इसके बाद भी उसके दो बेटी हुई, लेकिन प्रताड़ना जारी रही। इस दौरान उसके पिता डा. चंद्रशेखर की भी सदमे में मृत्यु हो गयी। इसके बाद लड़के न होने के ताने भी दिए गए। गला घोंटकर मारने की कोशिश भी की गयी। 4 अप्रैल 2018 को उसके पति व उनके परिवार के लोगों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद 2 मार्च 2019 को उसके घर आए उसके पति व अन्य 3 अज्ञात ने फिर आकर दहेज की मांग की और कहा, कि तुझे दहेज की मांग पूरी करने भेजा था। इसके बाद मारपीट कर चेहरे पर पति ने मुक्के से वार किया, जिसके कारण उसकी दाढ़ में चोट आई और सूजन भी चेहरे पर आई, जिसका मेडिकल भी कराया गया। रिपोर्ट में डा. शिल्पी ने अपने व अपनी दोनों बेटियों के साथ इनके द्वारा कोई भी अनहोनी घटना किए जाने की आशंका जताते हुए कानूनी कार्यवाही की मांग की है। जसपुर कोतवाली के उपनिरीक्षक धीरेन्द्र सिंह परिहार ने दहेज उत्पीड़न समेत उक्त सभी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में केस दर्ज होने की पुष्टि की है। सारे आरोप निराधार है। मैंने या मेरे परिवार के लोगों ने पत्नी डॉ. शिल्पी को अपने घर से निकाला नहीं था, बल्कि वह अपनी इच्छा से गई थी। जसपुर थाने में एफआईआर दर्ज होने से पहले मेरी ओर से कोर्ट में तलाक का केस डाला जा चुका है। मैं अपनी दोनों बेटियों को लेने भी गया था, लेकिन उन्हें मेरे साथ नहीं भेजा गया।-डॉ. अमित नारायण, ऑर्थोपेडिक सर्जन, बिजनौर