बजट को लेकर व्यापारियों को निराशा तो थोड़ी राहत भी
बजट को लेकर व्यापारियों ने आपस में बैठक की तो उसमें आशा-निराशा दोनों के ही भाव नजर आए। बहुत सारी आशाएं पूरी न होने की कसक रह गयी तो वहीं नया कोई...

बजट को लेकर व्यापारियों ने आपस में बैठक की तो उसमें आशा-निराशा दोनों के ही भाव नजर आए। बहुत सारी आशाएं पूरी न होने की कसक रह गयी तो वहीं नया कोई टैक्स न लगने से थोड़ी राहत भी दिखाई दी।
कुच्छल मशीनरी स्टोर पर सोमवार की शाम बजट को लेकर व्यापारी वर्ग मंथन करते हुए नजर आया। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल जिला अध्यक्ष मनोज कुच्छल ने कहा, कि व्यापारियों को आशा थी कि सरकार बजट में कारोना काल के दुकान व कारोबार बंदी के दौरान बैंको द्वारा ब्याज व बिजली के बिलों को समाप्त करेगी लेकिन ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। बंद दुकानों से बिजली का बिल व बैंक का ब्याज लेना दुनिया का बडा सामाजिक अपराध है। व्यापारी बीएस राजपूत ने कहा, कि आयकर स्लैब 2.5 लाख से बढाकर 5 लाख किये जाने की मांग व्यापारी लंबे समय से कर रहे थे लेकिन सरकार ने उसे नहीं बढाया। उन्होंने कहा कि आयकर घर के खर्चे पूरे करने के बाद लगाया जाना चाहिए। 2.5 लाख रूपये सालाना में घर का किराया, बच्चों की फीस, दवाई व राशन का खर्च भी पूरा नहीं किया जा सकता। रिहान शमसी ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक 60 साल से अधिक उम्र का व्याक्ति माना जाता है, लेकिन बजट में आयकर रिर्टन भरने के लिए सरकार ने 75 साल के केवल पेंशनर व्यक्ति को छूट दी है। व्यापारी आशीष अग्रवाल का कहना था, कि मौजूदा परिस्थितियों में इससे भी संतोष करना चाहिए, कि नया कोई टैक्स या कोविड सेस नहीं लादा गया है। कोरोना के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर अत्यधिक कुप्रभाव पड़ा है। ऐसे में इससे अच्छा बजट नहीं हो सकता। स्वास्थ्य और शिक्षा का बजट में विशेष ध्यान रखा जाना भी सभी के हित में हैं। व्यापारी बाबू राम सिंघानिया, ईश्वर वर्मा, अमित कुच्छल, मानव राठी, उमर अली, वसी अनवर, अतुल चौधरी आदि ने भी पक्ष व विपक्ष में अपने विचार रखे।
