बिजनौर में बसपा नेता और भांजे की गोली बरसाकर हत्या
बिजनौर जिले के नजीबाबाद में मंगलवार दोपहर दिनदहाड़े बसपा के विधानसभा क्षेत्र प्रभारी और प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान खां तथा उसके भांजे शादाब की बदमाशों ने गोली बरसाकर हत्या कर दी। जब डबल मर्डर को अंजाम...
बिजनौर जिले के नजीबाबाद में मंगलवार दोपहर दिनदहाड़े बसपा के विधानसभा क्षेत्र प्रभारी और प्रॉपर्टी डीलर हाजी अहसान खां तथा उसके भांजे शादाब की बदमाशों ने गोली बरसाकर हत्या कर दी। जब डबल मर्डर को अंजाम दिया गया, उस समय गुरुद्वारे के निकट गुरुनानक कॉम्पलेक्स में हाजी अहसान व शादाब बैठे हुए कुरआन पढ़ रहे थे।
वारदात से क्षेत्र में अफरा-तरफरी मच गई। हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद होने की आशंका है। देर शाम मामले में मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही थी। वहीं, शाम को आईजी मुरादाबाद रमित शर्मा भी नजीबाबाद पहुंच गए थे।
नजीबाबाद में मंगलवार दोपहर तीन बजे गुरुद्वारे के सामने गुरुनानक कॉम्पलेक्स में हाजी अहसान और भांजा शादाब दोनों अपने ऑफिस में बैठे हुए कुरआन पढ़ रहे थे। इस दौरान तीन बदमाश बाइक से आए और उनमें से दो बदमाश अहसान और शादाब के पास पहुंचे और उन पर गोलियां बरसा दीं। इस दौरान ऑफिस में ही सोए हुए अहसान का परिचित डॉ अनवर गोलियों की आवाज सुनकर उठ गया। डॉ अनवर के अनुसार उसने बदमाशों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। वारदात को लेकर मौके पर अफरा-तफरी मच गई। लोग घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे तो वहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जानकारी ली। देर शाम तक मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हो सका था।
मिठाई के डिब्बे में पिस्टलें लेकर आए थे बदमाश
कॉम्पलेक्स के बाहर डॉ लाल पैथोलॉजी लैब के संचालक अनुज के अनुसार घटना से पहले तीन युवकों ने उससे अहसान के बारे में पूछा था कि हाजी अहसान कहां मिलेंगे? उसके अनुसार युवकों के हाथों में मिठाई का डिब्बा था, संभावत: उसमें ही युवकों ने पिस्टलें रख रखी थीं और पूछने के बाद दोनों अहसान के ऑफिस की ओर चले गए थे। थोड़ी देर बाद ही गोलियां चलने की आवाजें आईं। बाद में तीनों बदमाश बाइक पर बैठकर कोटद्वार की ओर खुलेआम फरार हो गए। बदमाशों की उम्र लगभग 20 से 22 साल बताई जा रही है। मामला प्रॉपर्टी की रंजिश का माना जा रहा है।
पहले पूछा नाम फिर मारी गोलियां
बदमाशों ने अहसान और शादाब के पास पहुंचते ही पहले पूछा कि अहसान कौन है, इसके बाद दोनों पर ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जिस तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया है, उससे दो बातें साफ हैं कि बदमाश अहसान को नहीं पहचानते थे और साथ ही वे पेशेवर कातिल थे। मिठाई के डिब्बे में हथियार लेकर आना शातिरपना दिखाता है।