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किसानों को यंत्र दिए बिना थमाए लाखों के बिल

किसानों को कृषि यंत्र दिए बिना ही डीलरों ने बिल काट दिए। कृषि यंत्र पर सब्सिडी की खातिर किसानों ने भी डीलरों से बिल लेकर उपकृषि निदेशक कार्यालय में जमा करा...

किसानों को यंत्र दिए बिना थमाए लाखों के बिल
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरFri, 16 Nov 2018 11:49 PM
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किसानों को कृषि यंत्र दिए बिना ही डीलरों ने बिल काट दिए। कृषि यंत्र पर सब्सिडी की खातिर किसानों ने भी डीलरों से बिल लेकर उपकृषि निदेशक कार्यालय में जमा करा दिए। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्यापन में करीब 25 प्रतिशत किसानों के पास कृषि यंत्र नहीं मिले।

सब्सिडी को लेकर आज किसान परेशान हैं। जिले के किसान सत्यापन की तिथि निकलने के बाद भी उपकृषि निदेशक कार्यालय में कृषि यंत्रों का सत्यापन कराने पहुंच रहे हैं, ताकि उन्हें सब्सिडी का लाभ मिल सकें।फसल अवशेष का इन सीटू प्रबंधन योजना के तहत जिले के किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जानी थी।

दो यंत्रों की खरीद पर किसान को 50 प्रतिशत की सब्सिडी और तीन कृषि यंत्रों से अधिक खरीदने पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी दी जानी थी। किसानों ने कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी लेने के लिए करीब 799 किसानों ने बिल उपकृषि निदेशक कार्यालय में जमा कराए, ताकि सत्यापन होने के बाद सब्सिडी पर कृषि यंत्रों को लेकर फायदा उठा सके। 15 अगस्त को सत्यापन तिथि समाप्त होने के बाद उपकृषि निदेशक कार्यालय में किसानों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। बिजनौर का नहीं पूरे प्रदेश का मामला है।

किसानों को सब्सिडी पर दिए जाने थे आठ कृषि यंत्र

सब्सिडी पर किसानों को सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, श्रेडर, रोटावेटर, मल्चर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल, कटर कम स्प्रेडर आदि 8 यंत्र किसानों को सब्सिडी पर दिए जाने हैं।

जिला कृषि अधिकारी और भूमि संरक्षण अधिकारी ने किया गांव गांव जाकर सत्यापन

जिला कृषि अधिकारी अवधेश मिश्र और भूमि संरक्षण अधिकारी धीरज कुमार ने गांव गांव जाकर किसानों का सत्यापन किया। सत्यापन की आखिरी तिथि 15 नवंबर थी। सत्यापन हो चुका है और किसान सत्यापन न होने से परेशान हैं।

बिना यंत्र लिए ही बिल कराए जमा, सत्यापन में हुआ खुलासा

किसानों ने डीलरों से बिल लेकर कृषि विभाग में बिल जमा कराए, जबकि उनके पास कृषि यंत्र ही नहीं थे। तीन यंत्रों की योजना पर काफी किसान सत्यापन में ऐसे मिले जिनके पास तीनों ही यंत्र नहीं पाए गए और कुछ किसान ऐसे थे, जिनके पास तीन में से दो या एक कृषि यंत्र पाया गया।

इसका खुलासा खुद सत्यापन कर रहे अधिकारियों ने किया है। सूत्रों का कहना है कि डीलरों ने सत्यापन के दौरान कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था लेकिन सत्यापन की अवधि शीघ्र पूरी होने पर डीलर समय पर किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं करा पाए। जिस कारण किसान ठगा गया।

किसानों को नहीं पता था कि इतनी जल्दी हो जाएगा सत्यापन?

जिले के जिन किसानों ने कृषि यंत्र लिए उन्हें नहीं मालूम था कि सत्यापन 15 नवंबर तक हो जाएगा। किसानों को उम्मीद थी कि सत्यापन से पहले एक माह का समय मिल जाएगा और इस समय में वह डीलर से कृषि यंत्र ले लेंगे, लेकिन कृषि विभाग द्वारा इस सत्यापन के कार्य को तीन से चार दिन में ही निपटा दिया गया।

डीलरों की दुकान पर चक्कर काटते रहे किसान

सत्यापन न होने और अनुदान से वंचित रहने के डर से किसान कृषि यंत्र लेने के लिए डीलरों के चक्कर काटते दिखाई दिए, ताकि कृषि यंत्र मिलने पर वह सत्यापन करा सकें और योजना का लाभ ले सकें। कुछ किसान तो उपकृषि निदेशक कार्यालय में भी सत्यापन की गुहार लगाते दिखाई दिए।

बोले अधिकारी

कुछ किसान सत्यापन में ऐसे मिले जिनके पास यंत्र नहीं थे और उन्होंने बिल विभाग में जमा कराए हैं। सत्यापन में जिन किसानों के पास क्रय किए गए यंत्र नहीं पाए हैं, ऐसे किसानों को योजना के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान प्राप्त नहीं होगा। जिन किसानों के पास तीन कृषि यंत्र क्रय किए नहीं मिले हैं, उन्हें 50 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराए बिना ही डीलरों ने बिल दे दिए हैं। जिससे किसानों को अनुदान का लाभ नहीं मिलेगा। -अवधेश कुमार मिश्र, जिला कृषि अधिकारी, बिजनौर।

बोले निदेशक

अभी डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार लगभग 25 प्रतिशत किसानों के पास सत्यापन में कृषि यंत्र नहीं मिले हैं। जिन किसानों के पास अफसरों को सत्यापन में क्रय किए गए कृषि यंत्र नहीं मिले है उन्हें अनुदान नहीं मिलेगा। डाटा अपलोड किया जा रहा है। जल्द ही, वास्तविक स्थिति सामने होगी। -जेपी चौधरी, उप कृषि निदेशक, बिजनौर।

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