बड़े आनलाइन साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
Bijnor News - बिजनौर में साइबर क्राइम और साइबर सेल की टीम ने एक बड़े ऑनलाइन ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 1.84 लाख रुपये, पांच मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद किया गया। गिरोह ने...

बिजनौर। थाना साइबर क्राइम व साइबर सेल की संयुक्त टीम ने बड़े ऑनलाइन ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1 लाख 84 हजार 230 रुपये, पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप बरामद किया। वहीं पुलिस ने 14.50 लाख रुपये की रकम फ्रिज करा दी। थाना साइबर क्राइम पर महिला ने शिकायत में कहा था कि उसे जून माह में एक व्हाट्सएप ग्रुप में ‘प्रिया देसाई और ‘आनंद बेतिया नामक लोगों ने जोड़ा। जिन्होंने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का झांसा दिया। महिला के पति ने उनके कहने पर एप डाउनलोड कर उसमें निवेश करना शुरू किया।
प्रारंभ में मामूली लाभ दिखाकर विश्वास जीतने के बाद ठगों ने बड़े निवेश के लिए प्रेरित किया। जुलाई से सितंबर के बीच पीड़ित ने लगभग 1.99 करोड़ की राशि अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी। कुछ समय बाद वेबसाइट और व्हाट्सएप ग्रुप बंद होने पर ठगी का खुलासा हुआ। जांच के दौरान पुलिस ने गिरोह के सदस्य गुलाम फरीद पुत्र शखावत निवासी जसपुर (काशीपुर), मो. दाऊद पुत्र मो. अय्यूब निवासी नई बस्ती जसपुर खुर्द, ऊधमसिंह नगर, मोनिस अनवर पुत्र शाहिद हुसैन ग्राम निवार मंडी जसपुर और मो. अनस पुत्र मो. यामीन निवासी नई बस्ती, जसपुर को गिरफ्तार कर लिया। प्रकरण की जांच प्रभारी निरीक्षक लखपत सिंह के नेतृत्व में की गई। टीम में साइबर निरीक्षक तेजवीर सिंह, अरफान अली खान, उपनिरीक्षक शुएब खान, हेड कांस्टेबल सचिन तोमर, राहुल यादव, आकाश राठी, निशांत यादव, पुष्कर मेहरा, विवेक तोमर आदि शामिल रहे। --- गरीबों के नाम से खुलवाते हैं फर्जी फर्म व बैंक खाते आरोपियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य गरीब लोगों को बहला-फुसलाकर उनके नाम से फर्जी फर्म और बैंक खाते खुलवाते हैं। इन्हीं खातों के जरिए विदेशी नेटवर्क के साथ मिलकर ठगी का पैसा घुमाते थे। गिरोह में आठ सदस्य सक्रिय थे, जिनमें से दो अमन व अदनान को पहले ही मुरादाबाद पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। दो अन्य वली और प्रियांशु ठाकुर फरार हैं। --- नेपाल व कंबोडियो से जुड़ा है नेटवर्क पुलिस ने बताया कि गिरोह नेपाल और कंबोडिया जैसे देशों के साइबर नेटवर्क से जुड़ा था। यह लोग टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को फंसाते और उनसे बड़ी रकम ऐंठ लेते थे। --- कोट-- फ्रिज की गई धनराशि को पीड़ित को वापस कराने के लिए न्यायालय से आदेश की प्रक्रिया जारी है। फरार अभियुक्तों की तलाश जारी है और गिरोह के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी जांच की जा रही है। -डा. कृष्ण गोपाल सिंह, एएसपी सिटी।
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