मुख्य सचिव से जमीनों के दाखिल खारिज खोलने की मांग
Bijnor News - भाकियू (टिकैत) ने यूपी के मुख्य सचिव से खादर क्षेत्र में जमीनों के दाखिल खारिज खोलने और असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय में बदलवाने की मांग की है। उन्होंने किसानों के लिए भूमि श्रेणी में सुधार और जंगली...

भाकियू (टिकैत) ने यूपी के मुख्य सचिव से खादर क्षेत्र में जमीनों के दाखिल खारिज खोलने तथा असंक्रमणीय भूमि को संक्रमणीय में बदलवाने की मांग की है। भाकियू (टिकैत) की ब्लॉक अफजलगढ़ ईकाई द्वारा यूपी के मुख्य सचिव को मांग पत्र भेजा गया है। संगठन द्वारा अफजलगढ़ तथा रामगंगा नदी के खादर क्षेत्र में मौजूद जमीनों के दाखिल खारिज खोलने तथा किसानों की असंक्रमणीय श्रेणी-2 भूमि को संक्रमणीय श्रेणी-1 के तहत दर्ज कराने की मांग की गई है। मांग पत्र में कहा गया है कि उत्तरी क्षेत्र में जनपद बिजनौर की धामपुर और नगीना तहसील के गांव आते हैं। धामपुर के अफजलगढ़ विकास खण्ड के तहत द्वितीय विश्वयुद्ध के पूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा सेना से अवकाश प्राप्त सैनिकों को भूमि का आवंटित की गई थी। आवंटी बंजर तथा उजाड़ भूमि को रहने योग्य बनाने के बाद यहां खेती करके परिवारों का पालन पोषण कर रहे हैं। साल 1978, 1990, 2010 तथा 2011 के दौरान बावली, कुआंखेड़ा और शेरगढ़ के ग्रामीणों ने रामगंगा नदी की बाढ़ विभिषिका को झेला है। यहां जंगली जानवर खेती के अलावा किसानों पर हमलावर रहते हैं। जंगली जानवरों की बाहुल्यता के चलते खेती करना बेहद कठिन कार्य है। बाघ तथा गुलदार हमला करके अनेक ग्रामीणों और किसानों को मार चुके हैं। आजादी के 75 साल बीतने के बावजूद लोग यहां असंक्रमणीय भूमिधर श्रेणी-2 के ही किसान बने हुए हैं। मांग पत्र में किसानों को संक्रमणीय भूमिधर की श्रेणी-1 का अधिकार दिलाने सहित जमीनों के दाखिल खारिज खुलवाने की मांग की गई है।
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