शाम ढलते ही शहर में बढ़ी लोगों की चहल पहल
दिनभर में लोगों का मिजाज भी अलग अलग रहा। सवेरे से लेकर दोपहर तक बाजार में सन्नाटा छाया था। चौराहे और सड़कों पर इक्का दुक्का लोग ही रहे लेकिन, शाम ढलने के साथ ही बाजारों में कुछ भीड़ दिखाई...
दिनभर में लोगों का मिजाज भी अलग अलग रहा। सवेरे से लेकर दोपहर तक बाजार में सन्नाटा छाया था। चौराहे और सड़कों पर इक्का दुक्का लोग ही रहे लेकिन, शाम ढलने के साथ ही बाजारों में कुछ भीड़ दिखाई दी।
शनिवार को दिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक था क्योंकि अयोध्या फैसला जो आया। खैर, साढ़े दस बजे फैसला सुनाने का निर्धारित समय था। जिसे लेकर लोगों ने सवेरे से ही एहतियात बरतनी शुरु कर दी थी। जरुरी काम वाले ही घरों से निकले। जिस कारण जिला मुख्यालय पर अन्य दिनों के मुकाबले बेहद कम भीड़ थी। दोपहर होने तक भी यही स्थिति बनी रही। सड़कों पर सिर्फ पुलिस की गाड़ियों के सायरन सुनाई दे रहे थे। शाम ढलने के साथ ही लोगों का मिजाज बदल गया। तमाम आशंकाओं को पीछे छोड़ते हुए लोगों ने घरों से निकलना शुरु कर दिया। जिसके साथ ही बाजार में रौनक दिखाई देने लगी। शहर की सड़कों पर भी चहल पहल बढ़ गई।