ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश बिजनौररियल लाइफ में बदहाली से जूझते दुनिया छोड़ चला अभिनेता आनंद बिजनौरी

रियल लाइफ में बदहाली से जूझते दुनिया छोड़ चला अभिनेता आनंद बिजनौरी

लगभग चार दशक तक फिल्मी दुनिया में संघर्षरत रहा फिल्म अभिनेता रियल लाइफ में भी बदहाली से जूझते-जूझते फिल्म अभिनेता दुनिया को छोड़...

रियल लाइफ में बदहाली से जूझते दुनिया छोड़ चला अभिनेता आनंद बिजनौरी
हिन्दुस्तान टीम,बिजनौरWed, 30 Oct 2019 09:57 PM
ऐप पर पढ़ें

लगभग चार दशक तक फिल्मी दुनिया में संघर्षरत रहा फिल्म अभिनेता रियल लाइफ में भी बदहाली से जूझते-जूझते फिल्म अभिनेता दुनिया को छोड़ चला। कई फिल्मों में अभिनय की छाप छोड़ने वाले आनंद बिजनौरी का उनके पैतृक कस्बे स्योहारा में निधन हो गया।

मुंबई से आकर वह पुश्तेनी मकान में रहकर तंगहाली, बेबसी, बीमारी और तन्हाई में जिंदगी गुजार रहे थे। मंगलवार को उनका निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। 1944 में स्योहारा नगर के चांद खां के घर में जन्मे आनंद बिजनौरी का बचपन का नाम मोहम्म्द शरीफ है। घर के हालात अच्छे न होने की वजह से वो मिडिल क्लास तक की ही तालीम हासिल कर सके थे। बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक रहा और वह शिक्षण संस्थानों और अन्य समारोहों में स्टेज शो करने लगे। एक दौर वो भी आया जब तक किसी भी कार्यक्रम या समारोह तब तक अधूरा माना जाता था जब तक शरीफ की उपस्थिति दर्ज न हो। उन्होंने स्टेज कार्यक्रमों में गंगा मेरी मां का नाम, बाप का नाम हिमालय, रुके ना जो ,झुके ना जो हम वो इंक़लाब हैं, जैसे देश भक्ति के गीतों के लिए स्टेज कार्यक्रमों के नायक माने जाने लगे थे । इससे प्रसंशकों ने इन्हें शरीफ हीरो का नाम दिया। उन्होंने दर्जनों चेरिटी शो करके देश की आपदा के समय राहत कोष में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। आनन्द बिजनोरी वर्ष 1980 में फिल्मो में काम करने का सपना दिल सजाए मुंबई जा पहुंचे और उन्होंने जूनियर कलाकार की हैसियत वर्ष 1986 में बड़े पर्दे पर अंकुश फिल्म आई। नाना पाटेकर अभिनीत इस फिल्म में मोहम्मद शरीफ ने विलेन के रूप में छोटा सा रोल किया। बताया जा रहा है कि नाना पाटेकर ने उनके अभिनय से खुश होकर इन्हे आंनद बिजनौरी का नाम दिया। तब से शरीफ को आनंद बिजनौरी के नाम से जाना जाने लगा। इसके बाद दूसरी फिल्म प्रतिघात ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। आनन्द बिजनोरी ने करीब एक दर्जन फिल्मों में काम किया, जिसमें एक नम्बर का चोर, काम कला चोसठ, दिलरुबा तांगे वाली, पहला आशिक़ पहला क़ातिल ही रिलीज़ हो सकी। इसके बाद वह एक दुघर्टना में चोटिल हो गए। इसके चलते वह वापस बिजनौर में स्योहारा अपने गांव लौट आए। संघर्ष पूर्ण जिंदगी में आनंद बिजनौरी अविवाहित रहे। काम न होने के कारण वह काफी समय से तंगहाली और बीमारी का जीवन जी रहे थे। हालांकि उनके भतीजे ही उनका सहयोग और देखभाल कर रहे थे। मंगलवार को शरीफ हीरो का निधन हो गया,जिनको आज तमाम नम आंखों के बीच सपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें