ईंटें निकालते हुए मिट्टी की ढांग गिरने से मजदूर की मौत
गांव सदरुद्दीननगर में झेरे की ईंट निकालते हुए मिट्टी की ढांग गिरने से एक मजदूर दब गया ओर उसकी मौत हो गई। जेसीबी की सहायता से कड़ी मशक्कत के बाद मिट्टी को हटाकर मजदूर के शव को निकाला...
गांव सदरुद्दीननगर में झेरे की ईंट निकालते हुए मिट्टी की ढांग गिरने से एक मजदूर दब गया ओर उसकी मौत हो गई। जेसीबी की सहायता से कड़ी मशक्कत के बाद मिट्टी को हटाकर मजदूर के शव को निकाला गया। मजदूर की मृत्यु से परिजनों मे कोहराम मच गया है।
मंगलवार को ग्राम सदरुद्दीननगर निवासी वीरेश पुत्र रूपचंद का गांव में पुराना कुआं बना हुआ था। जिसका बोरिंग फेल हो जाने के बाद झेरे को समाप्त करने के लिए उसकी ईंटें निकाली जा रही थीं। बताया जाता है कि एक निकालने के लिए मानकपुर निवासी संजय पुत्र बलबीर सिंह 26 वर्ष झेरे के अंदर था। दोपहर करीब साढ़े 11 बजे अचानक मिट्टी की ढांग गिर गई। इसमें संजय दब गया। मिट्टी की ढांग गिरने से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।जेसीबी मंगवा कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद संजय के शव को निकाला गया। संजय की असमय मृत्यु से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। मृतक के परिजन आर्थिक मुआवजे की मांग को लेकर देर सांय तक ग्राम सदरूददीनगर मे ही डटे हुए थे। समाचार दिए जाने पर मौके पर पुलिस और ग्रामीणों की भीड़ जमा थी।चंद ईटों के लालच ने ले ली मजदूर की जानचंद ईटों को पाने की कीमत एक मजदूर को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। ग्रामीणों के अनुसार किसान वीरेश का गांव मे ही झेरे वाला नलकूप था। बोरिंग फेल होने के बाद बीरेश ने मिट्टी से उसे भराव कर दिया था। कुछ समय बाद किसान ने कुएं की ईटों को निकालने का मृतक संजय और उसके साथियों को दिया था। करीब 22 फिट गहरे कुए की ईटों को निकालने का ठेका लेकर मजदूरों ने कार्य शुरू कर दिया था।