किसानों की गाढ़ी कमाई को चौपट कर रहे आवारा पशु
वरुणा नदी तटवर्ती इलाकों में घड़रोज व आवारा मवेशियों का आंतक बढ़ता ही जा रहा है। खेतों में तैयार हो रहे सरसों, मटर व चना समेत अन्य फसलों को मवेशी चट्ट...
मोढ़। हिन्दुस्तान संवाद
वरुणा नदी तटवर्ती इलाकों में घड़रोज व आवारा मवेशियों का आंतक बढ़ता ही जा रहा है। खेतों में तैयार हो रहे सरसों, मटर व चना समेत अन्य फसलों को मवेशी चट्ट कर जा रहे हैं। घड़रोज तो आवाज देने पर भाग जा रहे हैं लेकिन सांड़ किसानों पर हमला कर दे रहे हैं। सांड़ के हमले से कई कृषक घायल हो चुके हैं।
अन्नदाता चना-मटर व सरसों की खेती करने के बाद अब गेहूं की बोआई में जी-जान से जुट गए हैं। खेतों में तैयार हो रहे फसल को आवारा पशु व घड़रोज चौपट कर दे रहे हैं। चार-छह का झूंड बनाकर मवेशी खेतों में घुसने के कुछ ही समय बाद पूरा तस्वीर बदल दे रहे हैं। नदी से तटीय गांव में तो घड़रोज दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इससे फसलों को काफी नुकशान हो रहा है। क्षेत्र के जगदीशपुर, कोकलमऊ, बसपरा, हरजूपुर, कंसापुर, चौरापुर, बसवरिया, दयापुर, लालीपुर, कीर्तिपुर, बरमोहनी, रमयनपुर समेत दर्जनों गांव के किसान घड़रोज व छुट्ट पशु से आजिज आ चुके हैं। क्षेत्रीय किसानों ने आवारा मवेशियों को गौशाला में रखने की मांग की है ताकि उनका फसल नष्ट होने से बचाया जा सके।