राजकीय सम्मान के साथ एसआई का हुआ अंतिम संस्कार
सूबे के कानपुर में गुरुवार की रात एनकाउंटर में शहीद एसआई नेबूलाल का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को सीतामढ़ी गंगा घाट पर किया गया। इस दौरान सांसद, प्रयागराज व भदोही के डीएम, एसपी समेत...
सूबे के कानपुर में गुरुवार की रात एनकाउंटर में शहीद एसआई नेबूलाल का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को सीतामढ़ी गंगा घाट पर किया गया। इस दौरान सांसद, प्रयागराज व भदोही के डीएम, एसपी समेत गणमान्य नागरिकों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। तिरंगे से लिपटा शव घाट पर पहुंचते ही लोगों ने उनकी शहादत को याद कर भीगी पलकों से नारे लगाए।
गुरुवार देर रात कानपुर में कुख्यात बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमले में सीओ, इंस्पेक्टर सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। उनमें प्रयागराज जिले के हंडिया थाना क्षेत्र के भीटी (नऊआन) गांव निवासी एसआई नेबूलाल भी थे। दुखद खबर मिलने के बाद परिवार उसी रात कानपुर रवाना हो गया था। शनिवार को शव गांव आया। वहां पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, उसके बाद अंतिम संस्कार के लिए तिरंगे में लिपटा शव ट्रैक्टर से सीतामढ़ी गंगा घाट लाया गया।
घाट पर करीब 12 बजे शव पहुंचने पर सांसद रमेश बिंद, डीएम राजेंद्र प्रसाद, एसपी राम बदन सिंह समेत अधिकारियों व कई राजनीतिक दलों के सलामी दी। पुलिस के जवानों ने गॉर्ड ऑफ आनर देकर उनकी वीरता को सलाम किया। बूढ़े पिता कालिका प्रसाद बिंद ने बोझिल कदमों के साथ मुखाग्नि दी।
चार भाइयों में सबसे बडे थे नेबू लाल
सीतामढ़ी। किसान कालिका प्रसाद के चार बेटों में सबसे बड़े नेबू लाल पुलिस महकमें में दारोगा थे। दूसरे नंबर का भाई जय प्रकाश होमगार्ड हैं। तीसरा भाई ओम प्रकाश पुलिस महकमे में आरक्षी है जो वाराणसी में तैनात है। सबसे छोटा भाई विजय प्रकाश घर पर रहकर खेती करता है। वे 1990 में पुलिस महकमें में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। 2009 में रैंकर्स परीक्षा पास की थी। 2011 बैच के दारोगा नेबू लाल को दो साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2013 में कानपुर में तैनात मिली थी। पत्नी श्यामा देवी गांव में ही रहती हैं। उनके चार बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी तीस वर्षीय सुनीता की शादी हो चुकी है। दूसरे नंबर का बेटा अरविंद पिता के साथ कानपुर में रहकर एमबीबीएस की तैयारी करता है। तीसरे नंबर की बेटी मधुबाला पास के एक महाविद्यालय से बीटीसी कर रही है। जबकि सबसे छोटा बेटा हिमांशु गांव में रहता है। वह एक महाविद्यालय से बीए की पढ़ाई कर रहा है।