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समितियों पर नहीं मिल रहा खाद, किसान परेशान

साधन सहकारी समितियों पर यूरिया खाद न मिलने से क्षेत्रीय किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान अत्यधिक पैसा खर्च कर निजी दुकानों का सहारा लेने को...

समितियों पर नहीं मिल रहा खाद, किसान परेशान
ज्ञानपुर। निज संवाददाताTue, 11 Sep 2018 05:16 PM
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साधन सहकारी समितियों पर यूरिया खाद न मिलने से क्षेत्रीय किसानों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं होने से किसान अत्यधिक पैसा खर्च कर निजी दुकानों का सहारा लेने को विवश हैं। दूर-दराज से समिति पर पहुंच रहे ग्रामीण बगैर खाद के बैरंग वापस लौटने को विवश हैं। 

बरसात थमने के बाद खेतों में खाद छिड़कने का काम तेज हो गया है। ऐसे में किसान धान की फसल में खाद छिड़काव करने में जुटे हैं। समितियों पर खाद उपलब्ध न होने से कृषकों को परेशानी झेलना पड़ रहा है। यूरिया खाद किल्लत से किसान आजिज आ चुके हैं। हर तरफ खाद के लिए मारा-मारी मची हुई है। यूरिया की मांग बढ़ते ही निजी दुकानदार मूल्य बढ़ा दिए हैं। कृषकों को ज्यादा दाम पर यूरिया बेचकर व्यापारी तगड़ी कमाई कर रहे हैं। धान की रोपाई के समय भी सोसाइटी पर डीएपी उपलब्ध नहीं था। सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली, पानी, खाद व बीज मुहैया कराने की दावा करते नहीं थक रही है। लेकिन धरातल पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। आज भी खेतों में हाड़तोड़ मेंहनत करने वाले कृषक बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। बगैर डीएपी डाले किसानों को धान की रोपाई करना पड़ा था। अब खाद के लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खाना पड़ रहा है। किसानों की दुर्दशा पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। एक तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी दोगुना करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्हें बीज-खाद जैसी सुविधा ही नहीं मिल पा रही है। सोसाइटी पर उर्वरक भी नहीं भेजा जा रहा है। धान की खेती करना कृषकों के लिए इतना महंगा पड़ रहा है कि उनका बजट जवाब दे जा रहा है। कृषकों की माने तो बरसात पर्याप्त बरसात होने से सिंचाई का भार जरुर कुछ कम हुआ है लेकिन समिति पर खाद न मिलने से आर्थिक तंगी झेलना पड़ रहा है।  

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