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कोटेदार ने नहीं दिया अनाज भड़के बनवासी, किया प्रदर्शन

लॉकडाउन के चलते आदिवासियों के सामने गंभीर दिक्कतें पैदा हो गई है। काम उन्हें नहीं मिल रहा है, इतना ही नहीं, दबंग कोटेदारों द्वारा उनके हक पर डाका डाला जा रहा है। जिसकी बानगी सोमवार को जमुआ में देखने...

कोटेदार ने नहीं दिया अनाज भड़के बनवासी, किया प्रदर्शन
हिन्दुस्तान टीम,भदोहीMon, 20 Apr 2020 11:34 PM
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चौरी। हिन्दुस्तान संवाद

लॉकडाउन के चलते आदिवासियों के सामने गंभीर दिक्कतें पैदा हो गई है। काम उन्हें नहीं मिल रहा है, इतना ही नहीं, दबंग कोटेदारों द्वारा उनके हक पर डाका डाला जा रहा है। जिसकी बानगी सोमवार को जमुआ में देखने को मिली। जानकारी पर डीएम राजेंद्र प्रसाद व एसपी राम बदन सिंह मौके पर पहुंचे और एसडीएम भदोही को जांच कर आख्या देने का आदेश दिया।उक्त गांव के आदिवासी बस्ती निवासी नंदलाल, बाबूलाल, कल्लू, पन्नालाल, लक्ष्मण, निर्मला देवी, विमला देवी, रन्नो देवी, हंसा देवी आदि सोमवार को मुफ्त मिल रहे चावल को लेने पहुंचे। कोटेदार के पति ने मना कर दिया, जिसके बाद वे वहीं पर बैठ गए और नारेबाजी शुरु कर दी। इस बीच, किसी ने डीएम को फोन कर दिया। कुछ ही देर में दोनों अफसर मौके पर पहुंचे। कोटेदार को फटकार लगाया। डीएम ने एसडीएम आशीष मिश्रा को मौके पर बुलाया। दल बल के साथ एसडीएम व तहसीलदार पहुंचे। आदिवासियों से वार्ता के बाद उन्हें शांत कराया गया। एसडीएम ने अपने पास से बस्ती के लोगों में अनाज का वितरण किया। साथ ही कोटेदार से समस्त कागजात व रजिस्टर मंगाया। बस्ती के लोगों ने बताया कि कोटेदार का पति अंगूठा लगवाने के बाद दो से तीन माह बाद अनाज देता है। इतना ही नहीं, विरोध करने वालों का नाम कार्ड से कटवा दिया जाता है। देर शाम तक प्रकरण की जांच ही चल रही थी। और भाग खड़े हुए जिलापूर्ति अधिकारीचौरी। पीएम, सीएम व डीएम की सख्ती के बाद भी जिलापूर्ति विभाग में जारी भ्रष्टाचार का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसकी बानगी सोमवार को जमुआ गांव में देखने को मिली। डीएम व एसपी के वहां पहुंचने की खबर के बाद दोपहर में जिलापूर्ति अधिकारी भी पहुंचे। आदिवासी बस्ती पहुंचने पर कार्डधारकों ने जमकर हंगामा व विरोध में नारेबाजी शुरु कर दी। जिसके बाद वे उल्टे पांव चलते बने। आरोप था कि वे बस्ती के लोगों पर दबाव बना रहे थे कि कोटेदार की शिकायत वापस ले लें।

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