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गंगा दशहरा: पतित पावनी के घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, लगाई डुबकी

जिले के गंगा घाटों पर बुधवार आस्था का सैलाब उमड़ा। गंगा दशहरा पर्व पर बड़ी तादात में लोगों ने मोक्षदायनी के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान तो मुस्तैद दिखे। लेकिन साफ...

गंगा दशहरा: पतित पावनी के घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, लगाई डुबकी
हिन्दुस्तान टीम,भदोहीWed, 12 Jun 2019 10:54 PM
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जिले के गंगा घाटों पर बुधवार आस्था का सैलाब उमड़ा। गंगा दशहरा पर्व पर बड़ी तादात में लोगों ने मोक्षदायनी के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान तो मुस्तैद दिखे। लेकिन साफ सफाई न होने के कारण आस्थावानों को मुसीबत से दो चार होना पड़ा। बता दें कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हजारों वर्षों तक महाराज भगीरथ द्वारा तपस्या की गई थी। जिसके बाद मां गंगा का अवतरण धरती पर इसी दिन हुआ था। उनके जल के वेग से सब कुछ तहस-नहस न हो जाए, इसके लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटा में लपेट लिया और कुछ हिस्सों को धरती पर छोड़ा। जिसके बाद माता रानी ने महराज भगीरथ के पूर्वजों को पापों से मुक्ति दिलाई थी। ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन मोक्ष दायनी की अविरल धाराओं में डुबकी लगाने से मनुष्य के न सिर्फ पाप व कष्ट धूल जाते हैं, बल्कि उनकी कृपा से पीढ़ियों तर जाती हैं। उधर, गंगा दशहरा के अवसर पर बुधवार को जिले के रामपुर, सीतामढ़ी, गुलौरी, बिजहरोजपुर, भोगांव आदि गंगा घाटों पर भोर से ही लोगों के स्नान आदि का क्रम शुरू हो गया था, जो दोपहर तक बदस्तूर बना। घाटों पर भीड़ के मद्देनजर दुकानें भी सज गई थी। पड़ोसी जनपद जौनपुर से आने वालों ने जमकर खरीदारी भी की। गुरुवार को निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। अन्न, जल त्यागकर लोग सुख व समृद्धि की कामना करेंगे। इनसेटनिर्जला एकादशी पर्व आज भदोही। मृगषिरा की भीषण गर्मी के बीच 13 जून गुरुवार को भीम एकादशी (निर्जला एकादशी) पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान सुबह से ही श्रद्धालु अन्न, जल को त्याग कर भगवान विष्णु की आराधना करेंगे। शुक्रवार की सुबह स्नान आदि के बाद व्रत का पारण किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि व्रत रहने से ईश्वर की असीम कृपा मिलती है। बता दें कि उक्त पर्व में पूरे 24 घंटे तक श्रद्धालू भूखे व प्यासे रहकर आराधना करते हैं। शास्त्रों के जानकारी संतोष पांडेय ने बताया कि निर्जला व्रत रखने वालों पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। दिन में सोने से बचते हुए परिवार के अन्य सदस्यों को चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

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