कालीन को कुटीर उद्योग का दर्जा दिलाने का होगा प्रयास:सांसद
शहर के मर्यादपट्टी स्थित एकमा सभागार में सोमवार को अखिल भारतीय कालीन निर्माण संघ (एकमा) द्वारा अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान कालीन उद्योग जॉब वर्क पर लगे 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर पांच...
शहर के मर्यादपट्टी स्थित एकमा सभागार में सोमवार को अखिल भारतीय कालीन निर्माण संघ (एकमा) द्वारा अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान कालीन उद्योग जॉब वर्क पर लगे 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर पांच फीसदी किए जाने का स्वागत करते इसका श्रेय सांसद सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को देते हुए उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि कालीन उद्योग लाखों परिवार को रोजगार देने का काम करता है। वस्त व सेवाकर (जीएसटी) 18 फीसदी लगने से मजदूरों, कामगारों के सामने विकट स्थिति आ गई थी। मामले की जानकारी होने पर समस्या से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को अवगत कराया गया। उनके प्रयास से जॉब वर्क पर लगे जीएसटी को पांच फीसद कराया गया।
सांसद ने कालीन निर्यातकों को आश्वस्त किया कि वे तथा उनकी सरकार उद्योगहित को लेकर संजीदा है। कहा कि कालीन उद्योग का नाता जाति, धर्म से उपर है। हिंदू, मुसलमान सभी मिलकर आपसी एकता की कालीन तैयार करते हैं, जो देश के साथ ही विदेशों में यहां का नाम रोशन करती है। कहा कि उद्योग को कुटीर उद्योग में शामिल कराने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि शीघ्र ही सफलता मिलेगी।