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भदोही: बहन की कटी नाक देख आग बबूला होता है लंकापति

क्षेत्र के अमवा गांव में चल रहे रामलीला में शुक्रवार की रात कलाकारों ने सीता अनसुइया मिलन, सूर्पणखा नककटैया, खर-दूषण वध, सीता हरण व जटायु मरण का मनमोहक मंचन किया। रामलीला का श्रवण कर भक्त निहाल होते...

भदोही: बहन की कटी नाक देख आग बबूला होता है लंकापति
हिन्दुस्तान टीम,भदोहीSat, 27 Oct 2018 05:33 PM
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क्षेत्र के अमवा गांव में चल रहे रामलीला में शुक्रवार की रात कलाकारों ने सीता अनसुइया मिलन, सूर्पणखा नककटैया, खर-दूषण वध, सीता हरण व जटायु मरण का मनमोहक मंचन किया। रामलीला का श्रवण कर भक्त निहाल होते रहे। उक्त गांव में दो स्थानों पर रामलीला मंचन हो रहा है।

प्रभु श्रीराम, मां जानकी व लक्ष्मण संग कुटिया में विराजमान रहते हैं। प्रभु श्रीराम ध्यान में लीन हो जाते हैं। इस बीच लंकापति रावण की बहन सूर्पणखा वन में भ्रमण करते पहुंच जाती है। श्रीराम व लक्ष्मण की सुंदरता देख सूर्पणखा मोहित हो जाती है और रुप बदलकर उनके पास पहुंच जाती है। सुंदर स्त्री बनी सूर्पणखा भगवान श्रीराम से विवाह करने का प्रस्ताव रखती है। श्रीराम अपने को शादी सुदा बताते हुए लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। लक्ष्मण भी शादी करने से इनकार कर देते हैं। सूर्पणखा दोनों भाइयों को अपने माया जाल में फंसाने का प्रयास ही कर रही थी कि मां जानकी पहुंच जाती हैं। माता सीता को देखते ही क्रोधित हुई सूर्पणखा उन्हें मारने का प्रयास करने लगती है। इसपर क्रोधित हुए लक्ष्मण उसकी नाक काट लेते हैं। नाक कटने के बाद विलाप करते सूर्पणखा लंकापति रावण के दरबार में पहुंच जाती है। बहन की कटी नाक को देख रावण क्रोधित हो जाता है और खर-दूषण को युद्ध के लिए भेज देता है। प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण खर-दूषण का बध कर देते हैं। दोनों योद्धाओं के मारे जाने के बाद रावण सीता हरण की ठान लेता है। लंकापति रावण ऋषि का रुप धारण कर मायाबी राक्षस संग श्रीराम कुटिया के पास पहुंच जाता है। मायाबी राक्षस हीरण का रुप धारण कर कुटिया के आसपास भटकने लगता है। हीरण को देख माता सीता मोहित हो जाती हैं और उसे पकड़ने को कहती हैं। सीता की बातों में आकर श्रीराम हीरण पकड़ने के लिए निकल लेते हैं। बांड़ लगते ही हीरण श्रीराम की आवाज में शोर मचाने लगता है। उसकी बात को सुन मां सीता लक्ष्मण को उनके पास जाने को कहती हैं। लक्ष्मण रेखा खिंचने के बाद श्रीराम के पास चले जाते हैं। उधर, लंकापित रावण ऋषि का रुप धारण कर भिक्षा मांगने लगता है। मां सीता भिक्षा देने के लिए बाहर निकलती हैं तो रावण सीता हरण कर लेता है। सीता की विलाप को सुन जटायु उनके बचाव में आते हैं जिसे रावण मार देता है।

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