भदोही: नारकीय जीवन जीने को विवश हैं कांशीराम आवास के लोग
विकास भवन के बेहद करीब स्थित कांशीराम आवास में रहना सबके बस की बात नहीं रह गई है। कंसापुर स्थित कांशीराम आवास में रहने वालों का जीवन नारकीय हो गया है। हर तरफ समस्याओं का अंबार लगा हुआ है लेकिन...
विकास भवन के बेहद करीब स्थित कांशीराम आवास में रहना सबके बस की बात नहीं रह गई है। कंसापुर स्थित कांशीराम आवास में रहने वालों का जीवन नारकीय हो गया है। हर तरफ समस्याओं का अंबार लगा हुआ है लेकिन विडंबना ही है कि विभागीय स्तर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कांशीराम आवास में स्वच्छता अभियान तार-तार हो रही है। हर तरफ फैली गंदगी स्वच्छ व स्वस्थ भारत अभियान को आइना दिखा रही है। साफ-सफाई की उचित व्यवस्था न होने से घरों का कूड़ा-कचरा लबे सड़क व गलियों में फेंका जा रहा है। विकास भवन में कार्यरत अधिकारी सुबह-शाम इधर से गुजरते हैं लेकिन यहां के लोगों की दुर्दशा किसी को दिखाई नहीं देती। कहने को तो कांशीराम आवास विकास भवन से सटा है। लेकिन इसमें रहने वाला सैकड़ों परिवार घुट-घुट कर जीने को विवश हैं। बिजली का जर्जर तार आए दिन टूटकर गिर रहा है। जिन ब्लाक में बिजली फाल्ट हो जा रहा है, उस ब्लाक में रहने वाले लोग चंदा एकत्रित कर गड़बड़ी ठीक कराने को विवश हैं। निकासी की उचित व्यवस्था न होने से घरों का गंदा पानी दरवाजे के बाहर एकत्रित होकर बजबजा रहा है। जगह-जगह दूषित पानी जमा होने से मच्छरों की भरमार हो गई है। शाम ढलते ही मच्छरों का आतंक इतना बढ़ जाता है कि लोग अपना ही शरीर पीटने को विवश हो जाते हैं। कांशीराम आवास में रहने वाले कमलेश बिंद ने बताया कि चारों तरफ गंदगी का आलम बना हुआ है। नियमित साफ-सफाई नहीं होने से जगह-जगह कूड़ों का ढेर लगा हुआ है। हर तरफ डंप पड़े कचरों से उठने वाले दुर्गंध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। गंदगी का साम्राज्य कायम होने से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। मेंहदी हसन ने बताया कि कांशीराम आवास में बिछी पेयजल पाइप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। पाइल लिकेज होने से हजारों लीटर पानी प्रत्येक दिन बर्बाद हो रहा है। पेयजल आपूर्ति बंद होते ही सड़कों व नालियों में जमा गंदा पानी लिकेज पाइप से घरों में पहुंच जा रहा है जिससे दूषित जल का सेवन कर लोग बीमार पड़ जा रहे हैं। हमें आवास तो मिल गया है लेकिन हर सुविधाएं नदारद हैं। मो. करिया ने कहा कि विकास भवन के समीप बने कांशीराम आवास में रहने वाले सैकड़ों परिवार सुरक्षित नहीं हैं। शाम ढलते ही अराजकतत्वों का आवागन चालू हो जाता है। शराब के नशे में धुत्त दबंग किस्म के लोग गरीबों को गाली देते रहते हैं। इससे हमेशा विवाद की स्थिति बनी हुई है। नशेडि़यों का आतंक इतना बढ़ गया है कि महिलाओं का घर से बाहर निकलना तक दुभर हो गया है। इसी तरह शाहिद अहमद ने बताया कि कांशीराम आवास में लगा बिजली का पुराना तार जर्जर हो चुका है। ओवरलोड के चलते जर्जर तार आए दिन टूटकर गिरते रहते हैं। बिजली फाल्ट हो जाए तो कई दिनों तक इसे विभागीय स्तर से ठीक नहीं कराया जाता। यहां रहने वाला हर व्यक्ति उपेक्षा का दंश झेलने को विवश है। सैकड़ों परिवार समस्याओं से जूझ रहा है लेकिन किसी स्तर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।