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कुवांरी गर्भवती के मौत की होगी मजिस्ट्रेटियल जांच

बस्ती, बभनान। उम्मीद की लौ अभी कायम है। गौर थाना क्षेत्र में दो

कुवांरी गर्भवती के मौत की होगी मजिस्ट्रेटियल जांच
हिन्दुस्तान टीम,बस्तीSun, 22 May 2022 10:40 PM
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बस्ती, बभनान।

उम्मीद की लौ अभी कायम है। गौर थाना क्षेत्र में दो माह पूर्व रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत मिली गर्भवती और उसके अजन्मे भ्रूण को न्याय मिलने की संभावना मजबूत होती दिख रही है। संभव है कि जांच में लीपापोती करने वाले जिम्मेदार पुलिस वालों की भी पोल खुल जाए। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आईजी रेंज के हस्तक्षेप के बाद अब इस प्रकरण की मजिस्ट्रेटियल जांच होगी। जिम्मेदारी एसडीएम हर्रैया आईएएस अमृतपाल कौर को मिली है।

28 मार्च को गौर-टिनिच रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर एक निर्वस्त्र गर्भवती का क्षत-विक्षत शव मिला था। हादसा इतना दर्दनाक था कि गर्भ में पल रहा अविकसित भ्रूण बाहर आ गया था। गौर पुलिस के मुताबिक काफी प्रयास के बाद भी शिनाख्त नहीं हो पाई। इसी बीच अचानक चार दिन बाद एक युवक थाने पहुंचा और बताया कि मृतका उसकी अविवाहित बहन थी। हाथा में लिया एक रुमाल दिखाते हुए बताया कि घटनास्थल पर उसे यह मिला है जो उसकी बहन की थी।

चार दिन बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सात माह की गर्भवती की मौत ट्रेन से कटकर होना बताया गया। परिजनों ने भी शव का दाह-संस्कार कर दिया। स्थानीय गौर पुलिस ने भी बगैर कोई पहल किए मामले को आत्महत्या का तमगा पहनाकर अपने कर्त्वयों से इतिश्री कर लिया। लेकिन आईजी रेंज राजेश डी मोदक के हस्तक्षेप के बाद मामला फिर सुखिर्यों में आया। मजिस्ट्रेटियल जांच का आदेश दिया गया।

दो दिन पूर्व प्रकरण के मजिस्ट्रेटियल जांच संबंधी पत्र मिला है। जांच के लिए संबंधित अधिकारी को बता दिया गया है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी।

- अमृतपाल कौर, एसडीएम हर्रैया

इन सवालों का जवाब तलाशना होगा

- घटना के दिन पुलिस को मौके से कोई सबूत नहीं मिला तो मृतका के भाई को रुमाल कैसे मिल गया?

- क्या यह संभव है कि सात माह की गर्भवती महिला निर्वस्त्र होकर आत्महत्या करने घर से निकलेगी?

- घटनास्थल से मृतका का घर महज 100 मीटर दूर था तो पुलिस ने चार दिन तक शिनाख्त का क्या प्रयास किया?

- शिनाख्त होने के बाद मृतका के परिजनों से पूछताछ क्यों नहीं किया, क्यों नहीं पता किया कि गर्भ में पल रहा बच्चा किसका था?

- मौजूदा प्रभारी निरीक्षक ने जांच में रुचि क्यों नहीं ली, किस वजह से किसके दबाव में थे, जिम्मेदारी किसकी तय होगी?

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