चंदोताल में रमा विदेशी पक्षियों का मन, करने लगीं बसेरा
बस्ती मंडल मुख्यालय से महज नौ किमी दूर बस्ती-अंबेडकरनगर मार्ग स्थित चंदोताल पक्षी विहार में अब देश-विदेश के सौ से अधिक प्रजाति के पक्षियों का मन रम चुका है। इन पक्षियों के कलरव ने सैकड़ों बीघे जमीन...
बस्ती मंडल मुख्यालय से महज नौ किमी दूर बस्ती-अंबेडकरनगर मार्ग स्थित चंदोताल पक्षी विहार में अब देश-विदेश के सौ से अधिक प्रजाति के पक्षियों का मन रम चुका है। इन पक्षियों के कलरव ने सैकड़ों बीघे जमीन में फैले विशाल जलाशय की छटा को और भी विहंगम व सुरम्य बना दिया है।
लगभग 1100 बीघे भूभाग में फैले चंदो ताल क्षेत्र में 1996 में वन विभाग ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जंगे आजादी में शहीद हुए राजा नगर के नाम पर ‘अमर शहीद राजा उदय प्रताप नारायण सिंह पक्षी विहार की स्थापना की थी। लगभग 24 साल के सफर के बाद अब यहां पेड़ों की दरख्तों पर इन दिनों एशिया व यूरोप के विभिन्न देशों जैसे श्रीलंका, साइबेरिया, बैंकाक, भूटान व अन्य देशों की सैकड़ों प्रजाति की पक्षियों ने रुख कर दिया है।
इनका मकसद यहां के जलवायु में प्रजनन करने की रहता है। इनकी मौजूदगी से वन विभाग ने जहां आधा दर्जन से अधिक आईलैंड को चाक-चौबंद कर दिया है। वहीं बंदूक व अन्य शस्त्रों का पक्षी विहार में प्रवेश भी वर्जित कर दिया है। इन विदेशी पक्षियों के संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर पौधरोपण करने की भी योजना तैयार हो चुकी है।
इन विदेशी पक्षियों ने डाला डेरा
चंदो ताल पक्षी विहार में ग्रेट स्पाइन, कॉमन ग्रीन शार्क, वर्ड सैंड पाइपर, लेसर ह्विसलिंग, वर्ड सैंड पाइपर, रफ, ब्लैक विंग्ड स्टाइट, ब्लैक टेल्ड गॉडविट, कॉमन टील, नार्दर्न पिनटेल, लेसर ह्विसलिंग डक व आस्परे जैसी प्रजातियों की पक्षियों ने बसेरा कर रखा है। जो सुबह-शाम आईलैंड पर विचरण करती हैं तो दोपहर में पक्षी विहार के दरख्तों पर बैठकर अपनी चहचहाहट से प्राकृतिक संगीत सुनाती हैं।
इन दुर्लभ प्रजाति की पक्षियों के संरक्षण व प्रजनन के लिए ताल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पौधरोपण करने की योजना तैयार है। चूंकि जुलाई में यह पक्षियां प्रजनन करेंगी इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है। वृक्षों पर कृत्रिम घोसलों की व्यवस्था बनाई जा रही है।
- मनीष कुमार, वन दरोगा/प्रभारी चंदो ताल पक्षी विहार, बस्ती