Police Officer Penalized for Violating Child Welfare Act in Basti एसआई नहीं कर पाएंगे छह माह तक बाल अधिनियम की विवेचना, Basti Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsBasti NewsPolice Officer Penalized for Violating Child Welfare Act in Basti

एसआई नहीं कर पाएंगे छह माह तक बाल अधिनियम की विवेचना

Basti News - बस्ती में बाल कल्याण समिति ने परसरामपुर थाने के दरोगा को बाल अधिनियम का उल्लंघन करने पर दंडित किया है। शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई, जिसमें दरोगा के स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए गए। पीड़ित बालक के...

Newswrap हिन्दुस्तान, बस्तीTue, 16 Sep 2025 11:45 AM
share Share
Follow Us on
एसआई नहीं कर पाएंगे छह माह तक बाल अधिनियम की विवेचना

बस्ती, निज संवाददाता। बाल कल्याण समिति ने जिले के परसरामपुर थाने पर तैनात दरोगा को बाल अधिनियम का पालन नहीं करने पर दंड निर्धारित किया है। दंड निर्धारण करने के पहले एसआई से दो बार स्पष्टीकरण मांगा गया था। सीडब्लूसी की मानें तो दोनों बार का स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। समिति ने थानाध्यक्ष परसरामपुर को भी नोटिस देकर जवाब मांगा है। यह कार्रवाई परसरामपुर थानाक्षेत्र के एक ग्राम निवासी पाक्सो पीड़ित बालक के शिकायत पर की गई। बालक के साथ गांव के ही कुछ लोगों ने लैंगिक अपराध की घटना कारित की थी।

थाने पर कोई सुनवाई नहीं होने पर बालक के पिता ने न्यायालय की शरण ली थी। न्यायालय के आदेश के बाद परसरामपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचक ने बालक को सीडब्लूसी के समक्ष पेश कर प्रक्रिया पूर्ण करा लिया था। सीडब्लूसी के समक्ष पांच अगस्त को बालक के पिता ने शिकायती-पत्र देकर बताया की बालक को बार-बार थाने पर बुलाया जा रहा है। मुकदमा वादी को एफआईआर की कॉपी नहीं दी जा रही है। जिस समय बालक के साथ घटना हुई थी, उस समय वहां बच्चे ही खेल रहे थे। बच्चे ही घटना के चश्मदीद गवाह हैं। इसके बावजूद विवेचक दौरान विवेचना गवाही के लिए बड़े लोगों को बुलाने के लिए कहते हैं। इस बात की शिकायत पीड़ित पक्ष ने एसपी से भी किया था। पीड़ित पक्ष ने विवेचक को बदलने की मांग भी की थी। पीड़ित बालक ने न्याय पीठ के सामने बताया कि विवेचक कहते हैं कि सही बोलना नहीं तो भगवान के मंदिर मे कसम खिलाऊंगा। इस प्रकार के व्यवहार से बालक मानसिक रूप से पीड़ित है। उसने बताया कि इससे मेरी शिक्षा और स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। बालक के सर्वोत्तम हित को गंभीरता से लेते हुए न्याय पीठ के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, सदस्य अजय श्रीवास्तव, डॉ. संतोष श्रीवास्तव, मंजू त्रिपाठी की टीम ने निर्णय लेते हुए कहा कि विवेचक को छह माह के लिए न्याय पीठ के कार्यालय में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया जाए। विवेचक को छह माह तक बच्चों से संबंधित सभी प्रकार के मामलों से दूर रखा जाय। छह माह तक उप निरीक्षक को बाल अधिनियम एवं पाक्सो एक्ट से संबंधित विवेचना के लिए नामित न किया जाए। संबंधित एसआई को जेजे एक्ट का अनिवार्य प्रशिक्षण दिलाया जाए। इसके साथ ही थानाध्यक्ष को अंतिम अवसर दिए जाने की बात कही गयी है। इस बार भी स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होने पर उनके विरुद्ध भी न्यायपीठ की तरफ से विधिक कार्रवाई की जाएगी। सीडब्लूसी के आदेश की कॉपी जिलाधिकारी, डीआईजी और एसपी को भेजी गई है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।