हड़ताल से बेपटरी हुई सेवा, बिना उपचार रोजाना लौट रहे एक हजार मरीज
बस्ती के महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण चिकित्सा सेवाएं ठप हो गई हैं। बिना उपचार के रोजाना हजारों मरीज लौट रहे हैं। इमरजेंसी सेवाएं आंशिक रूप से चल रही हैं। कोलकाता और...
सोनूपार, हिन्दुस्तान संवाद। महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज बस्ती की सेवा बेपटरी हो गई है। बिना उपचार के हर दिन एक हजार मरीज लौट जा रहे। इससे हाहाकार जैसी स्थिति है। मरीजों की भी दलील नहीं सुनी जा रही। हड़ताली डॉक्टर और स्टाफ इमरजेंसी की आंशिक सेवा छोड़कर पूरी तरह से चिकित्सा सेवा ठप कर दिए हैं। इससे हालत और बिगड़ गए हैं। कोलकाता की घटना को लेकर तीन दिन से चिकित्सक हड़ताल पर थे, वहीं उत्तराखंड की नई घटना के बाद स्टाफ नर्स भी हड़ताल कर दिए। इससे अस्पताल की सभी सेवाएं प्रभावित हो गईं। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का दावा है कि इमरजेंसी में सेवा जारी है। पूर्व के भर्ती मरीजों की सूई-दवा हो रही है। उनकी देखभाल की जा रही है। शुक्रवार को भी न ओपीडी चली, न पर्चे बने। दूर-दराज से आए मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा। बताया जाता है कि रोजाना मेडिकल कॉलेज में 14 से 15 सौ मरीज ओपीडी में परामर्श के लिए आते हैं। ये सभी मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे। कोई निजी अस्पताल तो कोई जिला व सीएचसी-पीएचसी पर चक्कर काट रहा है। बिगड़ी व्यवस्था से मरीजों में हाहाकार है। बताया जाता है कि रोजाना दो दर्जन से अधिक ऑपरेशन भी प्रभावित हो रहे। प्रिसिंपल डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि हड़ताली डॉक्टरों व स्टाफ नर्स से बातचीत की जा रही है। इमरजेंसी सेवा बहाल है। वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल की जा रही है।
पुराने मरीजों का हुआ इलाज
मेडिकल कॉलेज में 12 बजे तक मेडिसिन विभाग 18, सर्जरी सात, आई ओपीडी 10, आर्थो विभाग में 23, टीबी एंड चेस्ट पांच, मानसिक विभाग में नौ पुराने मरीजों का इलाज हुआ। आई ओटी, हड्डी ओटी में एक भी आपरेशन नहीं हुए। मरीज गीता शुक्ला (40) राजा मैदान महसो हार्नीया होने के कारण तीन फीट आंत फंस गया था। डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि सही समय पर आपरेशन नहीं किया जाता तो महिला मरीज की मौत हो सकती थी। डॉ. रेनू, डॉ. अभिषेक बरनवाल, जूनियर रेजीडेंट मनोज कुमार, डॉ. पाठक आदि ने सहयोग किया।
तीसरे दिन हड़ताल पर रहे डॉक्टर, मांग पर अड़े
सोनूपार। कोलकाता में हुए रेजीडेंड डॉक्टर के मर्डर और रेप के विरोध में डॉक्टरों का आक्रोश जारी है। तीसरे दिन शुक्रवार को भी बस्ती मेडिकल कॉलेज में 100 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर हाथों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करते हुए हड़ताल पर रहे। चिकित्सक के साथ स्टाफ नर्स हाथ में काली पट्टी बांधकर शांति ढंग से प्रदर्शन किए। ओपेक अस्पताल कैली के एसआर, जेआर और इंटर्नशिप के साथ सीनियर डॉक्टर भी उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टर रजत पांडेय ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने तक विरोध जारी रहेगा। पीड़ित परिवार को न्याय मिले। दोषियों को फांसी हो। नौ सूत्रीय मांग के लिए यह हड़ताल जारी है। कहा कि रेजिडेंट की मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाया जाए। वहीं शाम को डॉक्टरों ने मांगों और घटना के विरोध में जिला अस्पताल से कम्पनीबाग तक कैंडल मार्च किया।
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