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मेडिकल कॉलेज में बत्ती गुल, डीजल खत्म, मोबाइल की रोशनी में लगा टांका

मेडिकल कॉलेज बस्ती में मंगलवार की सुबह छह बजे गुल हुई बिजली शाम छह बजे तक नहीं आने से कॉलेज में हाहाकार मचा रहा। प्रिंसिपल और सीएमएस के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई में बेगुनाह मरीज हलकान रहे। पता चला...

मेडिकल कॉलेज में बत्ती गुल, डीजल खत्म, मोबाइल की रोशनी में लगा टांका
हिन्दुस्तान टीम,बस्तीTue, 06 Aug 2019 11:41 PM
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मेडिकल कॉलेज बस्ती में मंगलवार की सुबह छह बजे गुल हुई बिजली शाम छह बजे तक नहीं आने से कॉलेज में हाहाकार मचा रहा। प्रिंसिपल और सीएमएस के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई में बेगुनाह मरीज हलकान रहे। पता चला कि जनरेटर चलाने के लिए डीजल भी नहीं है। इसके चलते एक महिला के पेट में मोबाइल टार्च की रोशनी में टांका लगाया गया तो एक युवक को ऑपरेशन टेबल से उठाना पड़ा। नाराज मरीज कोसते रहे कि अभी जब शुरुआत में ही मेडिकल कॉलेज का यह हाल है तो भविष्य कैसा होगा?

बस्ती मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक अस्पताल कैली की बिजली मंगलवार की सुबह छह बजे गुल हो गई। परिसर में मौजूद 11 हजार वोल्ट का तार टूटने के बाद अस्ताल की आपूर्ति बाधित हो गई। तेल की व्यवस्था न होने के कारण जनरेटर भी नहीं चल सका। अस्पताल का सारा काम ठप हो गया। देर शाम तक बिजली गुल रही। बिजली जाने के बाद कैली अस्पताल में हाहाकार मच गया। वार्डों में पंखे व कूलर बंद हो गए। गंभीर मरीज बिस्तर पर तड़पते रहे, जबकि तीमारदार उन्हें राहत पहुंचाने के लिए पंखे झल रहे थे। काफी संख्या में तीमारदार व चल-फिर सकने वाले मरीज ताजी हवा के लिए वार्डों से बाहर निकल आए।

काफी शोर-शराबे के बाद करीब सवा दस बजे जनरेटर चला, लेकिन बमुश्किल 45 मिनट ही चलने के बाद जनरेटर भी बंद हो गया। मालूम हुआ कि डीजल खत्म हो गया। इधर बिजली विभाग को तार टूटने की सूचना दी गई। बिजली कर्मियों ने तार को जोड़कर जैसे ही लाइन चालू किया कि फिर अचानक बिजली चली गई। इस बार बिजली कर्मी फाल्ट ही नहीं खोज पा रहे थे।

बिजली न रहने से ओपीडी के अधिकतर डॉक्टर कुछ मरीजों को देखने के बाद चले गए। ओपीडी में दूर-दराज से आए मरीज इस तपिश व उमस में काफी परेशान हुए। ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन रोकना पड़ा। एक केस में तो बाकायदा बेहोशी की दवा देने जा रहे थे कि उसी दौरान जनरेटर बंद हुआ। इसी के साथ पैथॉलोजी, एक्स-रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड सहित तमाम जांच का काम ठप पड़ गया। मरीजों को लौटा दिया गया।

प्रधानाचार्य व सीएमएस के बीच खींचतान में फैली है अव्यवस्था

बस्ती मेडिकल कॉलेज में इन दिनों प्रधानाचार्य व ओपेक अस्पताल के सीएमएस के बीच जमकर खींचतान मची हुई है। दोनों के वर्चस्व की लड़ाई में बेगुनाह मरीज पिस रहे हैं। अस्पताल में पहली अप्रैल से ही सामानों की खरीद आदि को लेकर काफी अव्यवस्था है। यही कारण रहा कि जनरेटर के लिए तेल की खरीदारी नहीं की गई। सीएमएस डॉ. सोमेश श्रीवास्तव का कहना है कि पहली अप्रैल से उनके पास कोई चार्ज ही नहीं है। सारे कागजात प्रधानाचार्य खुद अपने पास रखे हुए हैं और तेल आदि के प्रबंध की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।

अस्पताल में तेल आदि का प्रबंध करना सीएमएस की जिम्मेदारी है। अगर ऐसा नहीं किया जा रहा है तो यह घोर लापरवाही है। अभी तक जो कुछ अस्पताल में होता रहा है, उस पर रोक लग जाने के कारण यहां अव्यवस्था फैलाए जाने का प्रयास किया जा रहा है।

- डॉ. नवनीत कुमार, प्रधानाचार्य, बस्ती मेडिकल कॉलेज, बस्ती

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