मनुष्य से गलती हो जाए तो प्रायश्चित करें : स्वरूपानंद
कप्तानगंज। मनुष्य से अगर भूल से भी गलती हो जाए तो उसका प्रायश्चित जरूर कर लेना चाहिए। उक्त बातें करनपुर गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में...

कप्तानगंज। मनुष्य से अगर भूल से भी गलती हो जाए तो उसका प्रायश्चित जरूर कर लेना चाहिए। उक्त बातें करनपुर गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में कथाव्यास स्वामी स्वरूपानंद ने कहा। उन्होंने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं, लेकिन समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है।
कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित हो जाता है। कथा व्यास ने कहा कि द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र की प्राप्ति की। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है की कर्म ही प्रधान है, बिना कर्म कुछ संभव नहीं होता है, जो मनुष्य अच्छा व सत्कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है। बुरे कर्म करने वाले को हमेशा बुरा फल मिलता है। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है कि इसका जितना भी पान किया जाए वह कम है। इस मौके पर यजमान राजेश तिवारी, मनीष तिवारी, चंद्रप्रकाश चौधरी सहित अन्य लोग आरती में शामिल रहें।
