मेडिकल कॉलेज में डायलसिस कर रहा था हेरिटेज का बर्खास्त डॉक्टर
महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज बस्ती के ओपेक चिकित्सालय कैली में पीपीई मॉडल पर डायलिसिस यूनिट संचालित है। इसके संचालन का अनुबंध हेरिटेज हॉस्पिटल लि. लंका वाराणसी को है। यूनिट संचालन के लिए हेरिटेज ने...
महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज बस्ती के ओपेक चिकित्सालय कैली में पीपीई मॉडल पर डायलिसिस यूनिट संचालित है। इसके संचालन का अनुबंध हेरिटेज हॉस्पिटल लि. लंका वाराणसी को है। यूनिट संचालन के लिए हेरिटेज ने डॉक्टर व मैनेजर की तैनाती कर रखी है। एक माह पहले हेरिटेज प्रबंधन ने तैनात डॉक्टर विजय कुमार वर्मा को बर्खास्त कर दिया है। अब भी डॉक्टर ओपेक चिकित्सालय में कार्यरत है तो वहीं डायलिसिस मैनेजर पर रुपये लेकर मरीजों का नंबर लगाने का आरोप है। प्राचार्य मेडिकल कॉलेज ने दोनों मामलों की जांच कराने के लिए कमेटी का गठन किया है।
हेरिटेज हॉस्पिटल के ऑफिसिएटिंग सीईओ डॉ. डीएन सिंह ने 14 मई को तीन बिन्दुओं पर बर्खास्तगी पत्र भेजते डॉ. विजय कुमार वर्मा को बताया कि उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया। प्राचार्य मेडिकल कॉलेज को शिकायत मिली कि डॉ. विजय कुमार वर्मा गुरुवार को भी ओपेक चिकित्सालय कैली में कार्य किए। खुलासा उस समय हुआ, जब डायलिसिस यूनिट में कार्यरत हेरिटेज के मैनेजर शुभम गिरी पर एक मरीज के तीमारदार धर्मवीर चौधरी ने आरोप लगाया कि डायलिसिस के लिए नंबर लगाने के नाम पर पांच हजार रुपये मांगे गए। काफी प्रयास के बाद भी डायलिसिस नहीं किया। इसकी शिकायत धर्मवीर ने हेरिटेज अस्पताल प्रबंधन से भी की है।
प्राचार्य मेडिकल कॉलेज प्रो. नवनीत चौहान ने कहा कि डायलिसिस यूनिट में रुपये लेकर नंबर लगाने की शिकायत कई बार मिली। इसके लिए हेरिटेज प्रबंधन को पत्र भी लिखा गया है। अब लिखित शिकायत मिली है। मामले की जांच कराई जाएगी। इस दौरान यह भी पता चला कि हेरिटेज की तरफ से तैनात डॉ. विजय कुमार वर्मा, जिसे हेरिटेज प्रबंधन ने बर्खास्त कर दिया था, वह भी गुरुवार को ओपेक अस्पताल में कार्य कर रहे थे। इसकी जांच कराई जाएगी।