मशरूम की खेती कर दिव्यांग विनोद ने बदली तकदीर
Basti News - कप्तानगंज के दिव्यांग विनोद यादव ने बेरोजगारी से निराश न होकर मशरूम की खेती शुरू की। उन्होंने 10 वर्षों में लाखों रुपये की कमाई की और अब खुशहाल जीवन जी रहे हैं। नवंबर से फरवरी तक मशरूम की बंपर पैदावार...

कप्तानगंज, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के भोपालपुर कच्चीपुर के रहने वाले बीएड पास दिव्यांग विनोद यादव ने बेरोजगारी का रोना रोने की बजाय मशरूम की खेती करके लोगों के लिए नजीर बन गए। इसके जरिए लाखों रुपये की कमाई करके खुशहाल जीवन जी रहे हैं। कप्तानगंज के भोपालपुर कच्चीपुर गांव निवासी विनोद यादव ने प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद 2010 में हरियाणा से बीएड किया। बीएड करने के बाद एक प्राइवेट विद्यालय में शिक्षण कार्य करने लगे। लाख प्रयास के बाद जब दिव्यांग विनोद को सरकारी नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने मशरूम की खेती की तरफ कदम बढ़ाया। हरियाणा में पढ़ाई के दौरान मशरूम के खेती से जुड़ी जानकारिया उनके लिए कारगर बनी। 10 वर्षों से मशरूम की खेती करके विनोद अच्छी आमदनी कर रहे हैं।
नवंबर से फरवरी तक बंपर पैदावार
मशरूम के बेहतर उत्पादन के लिए नवंबर से फरवरी तक सबसे अच्छा समय माना जाता है। दिव्यांग विनोद ने कहा कि इस बार उन्होंने चार छप्पर सितंबर माह में लगाया था। जिसमें तकरीबन चार लाख की भर्ती लगी है। नवंबर माह के दूसरे सप्ताह से मशरूम निकलने लगा है। इस वर्ष रेट काफी अच्छा था। बकौल विनोद, एक छप्पर में तकरीबन चार लाख के आमदनी की उम्मीद है। वहीं दूसरे शिफ्ट के लिए चार छप्पर में बीज डाला जा रहा है। जब तक पहली फसल खत्म होगी तब तक दूसरी फसल तैयार हो जाएगी।
कई जिलों की मंडियों तक आपूर्ति
विनोद का मशरूम बस्ती मंडी के अलावा गोरखपुर, कुशीनगर, अयोध्या तक जा रहा है। इसके एजेंट पहले ही मशरूम की बुकिंग कर लेते हैं और प्लांट से ही मशरूम उठा लेते हैं। ऐसे में अच्छा बाजार भाव मिल जाता है। मौजूदा समय में 130/140 रुपये किलो की दर से खरीदारी कर लेते हैं।
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