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गाड़ी-तेल सीएमओ का और वेतन ले रहे जिला अस्पताल से

Basti News - सब हेड... सीएमओ के अधीन है डीआईओ का पद, पीडियाट्रिक के रूप में जिला अस्पताल में है तैनाती

Newswrap हिन्दुस्तान, बस्तीSat, 8 Feb 2025 04:11 AM
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गाड़ी-तेल सीएमओ का और वेतन ले रहे जिला अस्पताल से

बस्ती, निज संवाददाता। गाड़ी और तेल सीएमओ का और वेतन जिला अस्पताल से लेकर भ्रमण करने वाले डीआईओ को लेकर मामला शासन तक पहुंच गया है। बताया गया कि बाल रोग विशेषज्ञ को जिला प्रतिरक्षण अधिकारी बनाने के मामले में सवाल-जवाब हुआ है। वहीं प्रकरण में सवाल उठाते हुए चिकित्सकों ने विरोध भी दर्ज कराया है। बता दें कि दो साल पहले डीआईओ रहे डॉ. फखरेयार हुसैन सेवानिवृत्त हुए तो डॉ. विनोद कुमार को चार्ज दे दिया गया। बाद में शासन ने डॉ. विनोद कुमार को जिला अस्पताल बस्ती में पीडियाट्रिक के पद पर तैनाती दी। चूंकि, यहां 15 बेड का पीआईसीयू और 24 बेड का चिल्ड्रेन वार्ड और मरीजों के दबाव को देखते हुए तैनाती दी गई। उसके बाद डॉ. विनोद कुमार ज्वाइन किए। उसी बीच अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य बस्ती मंडल ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी का कार्य देखने के लिए सीएमओ के अधीन अटैच कर दिया। दो साल से डॉ. विनोद कुमार वेतन जिला अस्पताल से और कार्य सीएमओ के अधीन कर रहे हैं। जिसको लेकर मामला अब शासन स्तर पर पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि शासन ने सख्त लहजे में कहा है कि जो भी ऐसे डॉक्टर हैं उनको उनकी तत्काल संबद्धता खत्म करते हुए रिपोर्ट करें। लेकिन, जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी बाल रोग विशेषज्ञ को रिलीव नहीं किया गया। इससे जिला अस्पताल में संकट गहरा गया है। बताते हैं कि काल डे, नाइट के कारण अधिकतर बाल रोग विशेषज्ञ उपस्थित नहीं हो पाते हैं। ऐसे में मरीज परेशान होकर वापस चले जाते हैं। एसआईसी जिला अस्पताल डॉ. वीके सोनकर ने बताया कि पीडियाट्रिक डॉ. विनोद को वापस करने के लिए कई बार कहा गया है, लेकिन अभी तक उन्हें वापस नहीं किया गया है।

सांठगांठ से बना दिए गए डीआईओ

जिला अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ की कमी है। फिर भी सांठगांठ से बाल रोग विशेषज्ञ को डीआईओ बना दिया गया है, जबकि डीआईओ के लिए विशेष पद की जरूरत होती है। पीआईसीयू जैसे वार्ड के लिए पीडियाट्रिक की तैनाती होने के बाद भी शासनादेश का मजाक उड़ाया जा रहा है।

पीडियाट्रिक को डीआईओ बना दिया गया है, यह बात पुरानी है। जल्द ही चार्ज पर आए हैं, इसकी रिपोर्ट मंगवाकर जल्द ही संबद्धता खत्म की जाएगी, डॉक्टर को उसी स्थान पर कार्य करना होगा, जहां तैनाती होगी।

- डॉ. नीरज पांडेय, एडी हेल्थ मंडल, बस्ती।

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