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सत्र शुरू होने के पांचवें महीने में बच्चों के बैग में पहुंची किताबें

बस्ती। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद...

सत्र शुरू होने के पांचवें महीने में बच्चों के बैग में पहुंची किताबें
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बस्तीThu, 25 Aug 2022 09:50 AM
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बस्ती। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद किताबों का लम्बा इंतजार अब खत्म होता दिख रहा है। जिले में बुधवार तक कुल 4 लाख 56 हजार 906 पाठ्य-पुस्तिकाएं पहुंच चुकी हैं। इनका सत्यापन कराने के साथ बुधवार को इन किताबों को सभी बीआरसी के माध्यम से स्कूलों तक भेजवा दिया गया है। इसके साथ ही अब जिले के करीब तीस फीसदी कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं के बैग में किताबें पहुंच जाएंगी।

स्कूल खुलते ही बच्चों को सबसे ज्यादा नई किताबें, बैग और ड्रेस का इंजतार होता है। यही लालच उन्हें स्कूल जाने और पढ़ाई करने के लिए उत्साहित भी करता है। डीबीटी खातों में पहुंचना शुरू होने के साथ ही अब किताबें स्कूल तक पहुंचना भी शुरू हो गई हैं। जिले की बातें करें तो कुल 2074 परिषदीय स्कूलों में तकरीबन ढाई लाख बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें 1434 प्राथमिक विद्यालय (कक्षा एक से पांच तक), 339 उच्च प्राइमरी स्कूल (कक्षा एक से आठ तक) और 301 संविलियन विद्यालय हैं।

परिषदीय स्कूलों में अप्रैल महीने से सत्र शुरू हो चुका है और पांच महीने बीतने को हैं। अगस्त माह में पहुंची किताबों के सत्यापन के लिए मुख्य राजस्व अधिकारी नीता यादव की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है। इसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. इन्द्रजीत प्रजापति के साथ जिला गन्ना अधिकारी, प्रवक्ता डायट और खंड शिक्षा अधिकारी सांऊघाट को शामिल किया गया है। बीएसए ने बताया कि अब तक जनपद को प्राप्त हुईं सभी पाठ्य-पुस्तिकओं का सत्यापन पूरा करा कर उन्हें बीआरसी पर भेजा गया है। बीआरसी पर किताबें पहुंचने के साथ ही विद्यालय तक पहुंचाने की व्यवस्था बनाई गई है। शेष किताबें पहुंचने के साथ ही सत्यापन कर उन्हें बीआरसी के माध्यम से स्कूलों तक अविलंब पहुंचा दिया जाएगा।

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11 लाख से अधिक किताबों की होनी है आपूर्ति

जिले स्तर से छात्र संख्या के आधार पर कुल 15 लाख 76 हजार 570 पाठ्य-पुस्तिकाओं की डिमांड भेजी गई थी। इसके सापेक्ष जनपद को अब तक 4 लाख 56 हजार 906 किताबें ही प्राप्त हो सकी हैं। यह कुल डिमांड का करीब 28 फीसद है। जबकि 72 फीसद यानी 11 लाख से अधिक किताबों की आपूर्ति अभी होना बाकी है। उपलब्ध किताबों को स्कूलों तक पहुंचाने से करीब एक तिहाई छात्रों को नई किताबें मिल जा रही हैं। जबकि कई बच्चे अब भी बिना किताब के ही पढ़ेंगे, जब तक शेष किताबों की आपूर्ति जिले में नहीं हो जाती है।

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