बच्चों को अमृतपान करा खालसा सजाया
Basti News - बस्ती, हिटी। कंपनीबाग स्थित गुरुद्वारा और गांधीनगर स्थित गुरुद्वारा में बैशाखी की धूम रही।

बस्ती, हिटी। कंपनीबाग स्थित गुरुद्वारा और गांधीनगर स्थित गुरुद्वारा में बैशाखी की धूम रही। सिख संगत ने गुरुवाणी का पाठ किया। शबद-कीर्तन करते हुए गुरुजी की महिमा गाई। इस दौरान पूरे गुरुद्वारा परिसर को रंग-बिरंगी माला और झालरों से भव्य रूप से सजाया गया था। बच्चों को अमृतपान कराते हुए खालसा सजाया गया। कार्यक्रम के अंत में भंडारा हुआ, जिसमें भक्तों ने जमकर लंगर भी छका।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह तीन दिवसीय श्री अखंड पाठ के समापन के साथ हुई। गुरुबाणी की मधुर वाणी से वातावरण भक्तिमय हो उठा। बाहर से आए कलाकारों ने संगत को गुरु वाणी का सुमधुर गायन सुनाया। इस अवसर पर ज्ञानी हर्षदीप सिंह, ज्ञानी प्रदीप सिंह ने संगत को खालसा पंथ की स्थापना और इसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सरदार जगवीर सिंह ने बैसाखी के ऐतिहासिक और सामाजिक संदर्भों को साझा करते हुए बताया कि किस तरह 1699 में श्रीगुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने बताया कि उस समय समाज में जातिवाद, अंधविश्वास और धार्मिक उत्पीड़न चरम पर था। ऐसे समय में गुरु गोविंद सिंह ने जाति-पाति से ऊपर उठकर एक ऐसे समाज की रचना की, जिसकी पहचान उसके साहस, समर्पण और समानता के सिद्धांतों पर आधारित थी। उन्होंने बताया कि गुरु जी ने पांच अलग-अलग जातियों और स्थानों के पांच लोगों को अमृतपान कराकर ‘पंच प्यारे बनाया और खालसा पंथ की नींव रखी। उन्होंने सिखों को पांच ककार केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा धारण करने का आदेश दिया। साथ ही पुरुषों को ‘सिंह और महिलाओं को ‘कौर उपनाम धारण करने का निर्देश दिया। इस दौरान सरदार हरि सिंह बबलू, अमृतपाल सिंह सनम, कुलदीप सिंह, हरिभजन सिंह, प्रभुप्रीत सिंह, तरनजीत सिंह, दिलज्योत सिंह आदि मौजूद रहे।
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