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मौसल बदलने के साथ बरेली में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा, विदेशी पक्षियों पर नजर

मौसम बदलने के साथ बरेली पर बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने बर्ड फ्लू को एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पशुपालन विभाग ने खतरे को भांपते हुए अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को अलर्ट कर...

मौसल बदलने के साथ बरेली में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा, विदेशी पक्षियों पर नजर
प्रमुख संवाददाता,बरेलीWed, 30 Oct 2019 11:29 AM
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मौसम बदलने के साथ बरेली पर बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने बर्ड फ्लू को एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पशुपालन विभाग ने खतरे को भांपते हुए अलग-अलग विभाग के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। डीएम ने सरकारी विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय कर दीं हैं। स्वास्थ्य अफसरों को इलाज के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है। वहीं पक्षियों की मौत की सूचना तुरंत पशुपालन विभाग को देने को कहा है। ताकि पोस्टमार्टम के जरिए पक्षियों की मौत की वजह का पता लग सके। 

सितंबर से मार्च तक विदेशी पक्षी आते हैं। प्रवासी पक्षियों के साथ बर्ड फ्लू का वायरस आने की आशंका बनी रहती है। हल्की ठंड में इसका संक्रमण फैलने का खतरा बढ जाता है। बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए प्रशासन और पशुपालन विभाग ने टॉस्क फोर्स गठित कर दी हैळ। डीएम ने मुर्गी फार्मों में अस्वाभाविक मौत के बारे में पता लगाने के लिए बार-बार विजिट करने को कहा। सीवीओ एलके वर्मा ने वन विभाग, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी और नहर खंड के अधिकारियों को पक्षियों की मौत के बारे में तुरंत सूचना देने को कहा है। सीवीओ ने बताया कि बरेली के अलग-अलग मुर्गी फार्मों से जांच के लिए सर्विलांस सैंपल आईवीआरआई लैब भेजे हैं। बरेली में करीब 3.25 कुक्कुट बर्ड है। स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिला अस्पताल के साथ सीएचसी-पीएचसी पर बर्ड फ्लू के इंजताम करने को कहा है। एक वार्ड रिजर्व करने को कहा है। ताकि आपात स्थिति से निपटा जा सके। 

बर्ड फ्लू के लक्षण 

  • जुकाम- बुखार होना 
  • खांसी- शरीर में दर्द
  • उल्टी-दस्त होना
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